अयोध्या: उत्तर प्रदेश के अयोध्या में चल रहे सावन झूला उत्सव मेला बड़े ही धूमधाम से मनाया जा रहा है। प्रदेश के लगभग 6 हजार मंदिरों में यह उत्सव मनाया जा रहा है। इस दौरान आकर्षण का केंद्र बना हुआ है श्रीरामवल्लभाकुंज का झूलन उत्सव। यहां झूले की भव्यता और देव विग्रह की दिव्यता का अनोखा संगम है। ऐसा प्रतीत होता है कि भगवान हमसे बातें कर रहे हों। 27 फीट ऊँचा और 18 फीट चौड़ा यह झूला अपने आप में सुंदरता की मिसाल दे रहा है। यह झूला चाँदी का बना बहुत ही ख़ूबसूरत कलाकृति का नमूना है और सोने से इसकी पॉलिश की गई है। इस झूले की ख़ूबसूरती में चार चांद लगाते हैं इसके सिंहासन, डोरी, खम्बे, झूमर, हाथी, मोर और कलश। इस झूले पर भगवान की मुख्य मूर्ति ही विराज़मान होती है। सावन शुक्ल तृतीया से पूर्णिमा तक भगवान झूले पर विराज़मान रहते हैं। इस दौरान उनका भोग, आरती और शयन आदि सारा कार्य पुजारी द्वारा झूले पर ही की जाती है। 60 के दशक में इसे जयपुर से आए हुए कलाकारों द्वारा बनाया गया था। सावन के महीने में अयोध्या में जो दृश्य देखने को मिलता है वह पूरी धरती कहीं और नहीं दिखता। श्रद्धालुओं का समूह मंदिरों में चल रहे सांस्कृतिक कार्यक्रमों में डूबा हुआ है। देश के कोने कोने से लाखों की संख्या में श्रद्धालु आयोध्या में जमे हुए हैं।
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