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सोमवार को क्यों होती है भगवान शिव की पूजा !

सोमवार को भगवान शिव की पूजा करने की प्राचीन परंपरा है। शिवजी को सोमेश्वर भी कहा जाता है। कहा जाता है कि आज के दिन ही चंद्रमा भी भगवान शिव की पूजा करते हैं, जिससे उन्हें निरोगी काया मिली थी, इसलिए भी सोमवार के दिन शिव जी की अराधना की जाती है। आज के दिन भगवान शिव की अराधना का मतलब होता है चंद्रदेव को प्रसन्न करना। शास्त्रों के अनुसार आज के दिन शिव जी को बेलपत्र अर्पित करने से सारी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। सोम का एक अर्थ सौम्य भी होता है तभी तो शिवजी को शांत देवता भी कहते हैं। ये भी एक कारण है कि सोमवार को इनका दिन माना जाता है। सहज और सरल होने के कारण इन्हें भोलेनाथ भी कहा जाता है। कुछ लोग ये भी कहते हैं कि सोम में ॐ है और भोलेनाथ को ॐ स्वरूप माना जाता है। इसलिए इस दिन इनकी पूजा करने से विशेष लाभ प्राप्त होता है। कैसे करें पूजन- 1. सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करें और फिर शुद्ध वस्त्र धारण कर भगवान शिव का पंचोपचार या षोडषोपचार पूजन करें। 2. आज के दिन ॐ नम: शिवाय मंत्र की 11 माला जाप करें। 3. शिवजी की पूजा हमेशा उत्तर की तरफ मुंह करके करना चाहिए क्योंकि पूरब में उनका मुख पश्चिम में पृष्ठ भाग और दक्षिण में वाम भाग होता है। 4. शिवजी की पूजा से पहले मस्तक पर चंदन या भस्म का त्रिपुंड लगाना चाहिए। 5. ध्यान रहे कि शिवजी की पूजा से पहले शिव लिंग पर जो भी चढ़ा हुआ हैं उसे साफ कर देना चाहिए। 6. आज के दिन शिव चालीसा, शिव स्तोत्र, शिव तांडव, शिव महिमा, रूद्राष्टक, शिव भजन का श्रद्धापूर्वक पाठ करें।