अयोध्या: वर्तमान समय में उत्तर प्रदेश स्थित अयोध्या को आज किसी परिचय की ज़रूरत नहीं। आने वाले समय में यह पर्यटकों से खचाखच भरा हुआ रहेगा। पर्यटन के पसंदीदा स्थानों में से एक होगा। जो ना सिर्फ़ भारत बल्कि विदेशी पर्यटकों को भी ख़ूब भाएगा।आधुनिक सेवाओं से लैस अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा, एक रेलवे स्टेशन जिसमें राम मंदिर की प्रतिकृति दिखती हो, रहने के नज़रिए से बेहतर सुविधाएं, चौड़ी सड़कें जिससे आने-जाने में सुविधा हो और सालों से श्रद्धालुओं के द्वारा रामलला के मंदिर को निहराने की चाहत, कुछ इस तरीक़े से आने वाले दिनों में बदलने वाला है अयोध्या। जिसकी पहचान ना सिर्फ़ उत्तर प्रदेश में बल्कि भारत के पसंदीदा पर्यटन क्षेत्रों के रूप में होगी। जिस तेज़ी के साथ राम मंदिर का निर्माण हो रहा है ठीक उतनी ही तेज़ी से इस शहर का विकास भी हो रहा है। यह शहर सिर्फ़ पवित्रता की वजह से नहीं जाना जाएगा बल्कि यहां मौजूद सुविधाओं और पर्यटन से जुड़ी और भी चीज़ों की वजह से भी जाना जाएगा। यह शहर विस्तार के बाद नव्य अयोध्या के नाम से जाना जाएगा। यह टाउनशिप लगभग 1500 एकड़ में होगी जिसके अंदर करीब दो दर्जन राज्यों के गेस्ट हाउस होंगे। इस नए अयोध्या को वैदिक शहर के रूप में विकसित किया जाएगा। इन चीज़ों के अलावे यहाँ 5 देश के गेस्ट हाउस भी होंगे। पर्यटन विभाग के अनुसार आने वाले 10 सालों में अयोध्या आने वाले पर्यटकों की संख्या तीन गुना बढ़ जाएगी। एक विश्लेषण से पता चलता है कि 2030 तक 6.8 करोड़ से अधिक लोग राम जन्म स्थान की यात्रा करेंगे। इसके साथ ही पर्यावरण के अनुकूल शहर बनाने की बात भी चल रही है जिसके तहत मंदिर तक जाने और आने के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों का इस्तेमाल किया जाएगा। पार्किंग के लिए मल्टी पार्किंग का भी उपयोग किया जाएगा। सरयू नदी के तट पर 200 फीट लम्बी भगवान राम की मूर्ति स्थापित की जाएगी इसके अलावे डिजिटल संग्रहालय, रोपवे आदि के निर्माण की भी बात चल रही है।
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