मथुरा (वृंदावन): 3600 वर्गफीट में बना वृंदावन स्थित श्री बाँकेबिहारी मंदिर का आंगन में भी अब कॉरिडोर बनेगा। इतने बड़े क्षेत्रफल होने के बावजूद भी भक्तगण सिर्फ़ 1200 वर्गफीट में ही दर्शन कर पाते हैं, ऐसे में वहाँ भीड़ की समस्या उत्पन्न हो जाती है और जन्माष्टमी के समय तो हालत और भी ख़राब हो जाते हैं। ठाकुर जी मंदिर में श्रद्धालुओं की भीज दिन प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है ऐसे में ज़रूरी हो गया है कि कॉरिडोर का निर्माण हो। इसी संदर्भ में अपर मुख्य सचिव ने ज़िलाधिकारी मथुरा से वृंदावन स्थित मंदिर के ज़मीन से जुड़ा राजस्व रिकार्ड मांगा है। लम्बे समय से बांके बिहारी मंदिर को काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के तर्ज़ पर बात की जा रही है। जिन जटिलताओं से विश्वनाथ मंदिर घिरा था वैसी परेशानी यहाँ भी मौजूद है। घनी आबादी के बीच स्थित इस मंदिर के सभी रास्ते संकरे है और इस वजह से श्रद्धालुओं को काफ़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। ज़मीन ना होने की वजह से विकास की जितनी भी योजनाएँ है वे धारी की धारी रह जाती है। इन स्थिति में जिला प्रशासन और ब्रज तीर्थ विकास परिषद श्री बाँकेबिहारी मंदिर को काशी विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर के तर्ज़ बनाने की योजना पर काम कर रही है।इसी योजना पर काम करते हुए श्रद्धालुओं की समस्याओं पर विस्तृत जानकारी माँगी है। इसमें आजादी से पूर्व 31 मार्च 1939 में मुंसिफ मजिस्ट्रेट मथुरा का संदर्भ लेते हुए राजस्व अभिलेख, खतौनी और नगर निगम रिकॉर्ड में मंदिर की स्थिति, बिजली के कनेक्शन का विवरण भी देने को कहा है। उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री ने बताया कि बांके बिहारी मंदिर के कॉरिडोर का काम जल्द शुरू किया जाएगा। उन्होंने बताया कि कॉरिडोर की क्षमता 60000 से 70000 श्रद्धालुओं की एक साथ दर्शन करने की होगी और इसके अलावे प्रांगण को भी चौड़ा किया जाएगा जिससे एक बार में 5000 श्रद्धालु दर्शन कर सकें।
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