मायापुरी: पूरी दुनिया में भगवान श्रीकृष्ण के अनेक मंदिर हैं और उनको पूजने वाले लाखों भक्त हैं। भारत के अलावे लंदन, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण अफ़्रीका समेत दुनिया के कई हिस्से में भगवान श्रीकृष्ण के बड़े बड़े और भव्य मंदिर हैं। लेकिन आपको बता दें की भारत में श्रीकृष्ण की सबसे बड़े मंदिर का निर्माण अपने अंतिम चरण में है। यह मंदिर भारत ही नहीं पूरे विश्व का सबसे बड़ा मंदिर होगा। अभी तक दुनिया का सबसे बड़ा मंदिर कम्बोडिया में है जो लगभग 16 लाख वर्ग मीटर में फैला है। कोलकाता शहर के मायापुरी में बन रहे मंदिर करीब 700 एकड़ यानी 28 लाख वर्ग मीटर में फैला हुआ है। बात करें इस मंदिर के उद्घाटन का तो पहले इसका उद्घाटन 2023 में होने की उम्मेद थी लेकिन कोरोना महामारी की वजह से इसके काम में देरी आ गई। अब उमीद की जा रही है कि वर्ष 2024 तक इस मंदिर के निर्माण कार्य को पूरा कर उद्घाटन कर दिया जाएगा। इस मंदिर की भव्यता की बात करें तो इसकी नींव 100 फीट की है इसका मतलब जमीन के अंदर यह दस मंजिला इमारत के बराबर है। इस बार जन्माष्टमी यहाँ पर भौत ही धूम-धाम से मनाई गई थी और परिसर में झाँकी भी निकली गई। बताया जा रहा है कि मंदिर के निर्माण पूर्ण होने के बाद यहाँ करीब दस हज़ार लोग एकत्रित हो सकते है और दर्शन कर सकते हैं। इस मंदिर को बनाने की योजना 1972 से ही चल रही थी पर इसका निर्माण 2009 में शुरू हुआ। इस्कॉन के संस्थापक श्री प्रभुपाद जी ने 1971 में ही जमीन खरीद ली थी।प्रभुपाद जी द्वारा मायापुरी में 3 एकड़ जमीन उस वक्त खरीदा गया था। सन 1972 में इस मंदिर के निर्माण के लिए भूमिपूजन हुआ था। शुरुआती दौर में उमीद की जा रही थी की इस मंदिर को बनाने में करीब 600 करोड़ रुपए का खर्च आएगा परंतु कोरोना महामारी की वजह से इस मंदिर के निर्माण में कुल लागत 1000 करोड़ रुपए पहुँच गया। इस मंदिर के निर्माण के लिए कई जगह से दान भी मिले और इसमें फ़ोर्ड कम्पनी जो कार बनती है उसके मालिक अल्फ्रड फोर्ड के द्वारा 300 करोड़ रुपए का दान दिया गया। यह मंदिर दुनिया का सबसे बड़ा मंदिर होगा जहाँ सिर्फ़ भगवान ही विराजित होंगे। इस मंदिर परिसर में तीन शिखर बनाए गए हैं जिसमें मुख्य में राधाकृष्ण और पूर्व शिखर में नरसिंह देव का है। इस 350 फीट ऊँचे मंदिर में लिफ़्ट की भी व्यवस्था की गई है। 14 लिफ़्ट इस पूरे मंदिर में लगाई है। मायापुर के इस मंदिर में सुदर्शन चक्र भी स्थापित किया गया है जो लगभग 20 फीट का है। इस मंदिर के निर्माण में इस्तेमाल होने वाले टाइल्स राजस्थान के धौलपुर से लाए गए हैं। इसके अलावे इस मंदिर में वियतनाम, फ्रांस, दक्षिण अमेरिका से भी टाइल्स मंगाये गए हैं।
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