उज्जैन: महाकाल नगरी उज्जैन में भगवान गणेश की प्रतिमा विराजित होने वाली है। महाकाल मंदिर के अंदर भगवान शंकर के पुत्र भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित करने की तैयारी की जा रही है। इस प्रतिमा को इंदौर में तैयार किया जा रहा है। इस मूर्ति की ऊँचाई 21 फीट होगी। इस प्रतिमा को बंगाल के कारीगरों द्वारा तैयार किया जा रहा है। बताया जा रहा है कि इसको पूरी तरह तैयार होने में 28 अगस्त तक का समय लग जाएगा। बता दें की इसको बनाने का कार्य छः माह पूर्व ही शुरू हो गया था। 17 कारीगरों के द्वारा इसे दिन रात मिलकर तैयार किया जा रहा है। भगवान गणेश की इस 21 फीट की प्रतिमा में गणेश जी के मुख्य मुँह को छोड़ कर पूरे शरीर पर गणेश भगवान के 1100 चेहरे बनाए गए हैं। इस मूर्ति की बनावट इतनी ख़ास है कि इसमें भगवान गणेश के मुकुट, हार, हाथ-पैर,कान,शंख, लड्डू आदि पर भी गणेश जी की चेहरे दिखेंगे। कारीगर की माने तो 1 महीने से ज्यादा का वक़्त सिर्फ़ इन चेहरों को मूर्ति पर उतारने में लगा। बनाए जा रहे कारीगर द्वारा बताया गया की उनको इस मूर्ति को बनाने ख़्याल तब आया जब वो ऑनलाइन गणेश जी प्रतिमा खोज रहे थे उस दौरान उन्हें इस प्रतिमा के स्वरूप नज़र आया और तभी बनाने की सोच लिया। इस मूर्ति में इस्तेमाल किए जाने वाले रंग को कोलकाता से लाया जाएगा। यह रंग एक ख़ास तरीक़े का होगा जिसमें फूलों से रंग निकाला जाएगा और इसमें चेहरे का अलग रंग इस्तेमाल किया जाएगा। इस मूर्ति के निर्माण के दौरान 20 बोरी गंगा मिट्टी कोलकाता से मँगवाया गया है। इसके अतिरिक्त 50 बांस, 100 बोरी चोक मिट्टी, 4 लोडिंग घास, 51 हाथ चेहरे के गणेश जी, 5 शेर पर सवारी करते हुए गणेश जी की मूर्ति बन चुकी है।
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