रायपुर: गणेश उत्सव को लेकर देश के हर शहर और हर राज्य में अलग अलग तैयरियाँ शुरू हो चुकी है। गणेश उत्सव शुरू होने में चंद दिनों का ही समय अब बचा है ऐसे में छतीसगढ़ के रायपुर में भी दो साल के बाद आयोजित होने जा रहे गणेशोत्सव की तैयरियाँ जोर शोर से की जा रही है। यहाँ स्थित एक सौ साल पुराना गणेश पंडाल गुढ़ियारी पड़ाव में इस बार चार धाम का दृश्य दिखाई देगा। कोरोना महामारी के दो साल बाद आयोजित हो रहे इस उत्सव को लेकर गणेश भगवान की प्रतिमा का निर्माण करने वाले कारीगरों के चेहरे पर खुशी छाई हुई है। गणेश भगवान के प्रतिमा के निर्माण को यह पर मौजूद हर कारीगर को 50 से ज्यादा छोटी और पाँच से 20 तक बड़ी प्रतिमाओं के निर्माण का काम दिया गया है। बताया जा रहा कि इन प्रतिमाओं के निर्माण के लिए आर्डर पहले ही आ चुका था और इसकी क़ीमत पाँच से 30 हज़ार रुपए तक रखी गई है। 31 अगस्त से शुरू हो रहे गणेश उत्सव पर घर और पंडाल में भगवान गणेश की छोटी बड़ी प्रतिमा स्थापित की जाती है और इस दौरान नौ सितंबर को बप्पा का विसर्जन भी कर दिया जाएगा। एक अनुमान के मुताबिक 70 वार्ड में 500 से अधिक पंडालों में बड़े आकार की प्रतिमा और लगभग 10 हज़ार घरों में छोटे आकार की प्रतिमाएँ स्थापित करी जाएँगी। बताया जा रहा है कि गुढ़ियारी में करीब 100 साल से गणेश पर्व मनाया जाता रहा गया है। 10 हज़ार वर्गफीट से बड़े पंडाल में स्थल सजावट की जाएगी। इस पंडाल में चरम धाम की झाँकियाँ बनाई जा रही है जिसमें तमिलनाडु का रामेश्वरम धाम, उत्तराखंड का बद्रीनाथ धाम, गुजरात का द्वारका धाम और उड़ीसा का जगन्नाथ धाम की प्रतिमाएँ लगाई जाएगी और उन धामों से जुड़े उनके महत्व को भी दिखाया जाएगा। पिछले दो साल से गणेश उत्सव का आयोजन ना होने इसे साल गुढ़ियारी के व्यापारियों और लोगों में गणेश पर्व को लेकर उत्साह नजर आ रहा है।
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