अयोध्या: उत्तरप्रदेश के अयोध्या में बन रहे राम मंदिर का इंतज़ार भक्त बड़ी ही बेसब्री से कर रहे हैं। जैसे जैसे दिन करीब आ रहा है वैसे भक्तों की जिज्ञासा बढ़ती जा रही है। 70 एकड़ में बनाए जा रहे इस मंदिर में ज़्यादातर हिस्से में हरियाली ही होगी। इसी बीच रामजन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के द्वारा मंदिर के गर्भगृह निर्माण की ताज़ी तस्वीर जारी की गई है। 2023 के अंत तक पूरा किए जाने वाले इस गर्भगृह की सामने आई तस्वीर के अनुसार इसका डिजाइन कमल के आकर का अब दिखना शुरू हो गया है। इस मंदिर का निर्माण तीन चरणों में किया जा रहा है जिसके अंदर गर्भगृह का निर्माण कार्य सबसे पहले योजना में शामिल है। बताया जा रहा है कि इस मंदिर के निर्माण में अंतरिक्ष के वैज्ञानिकों की भी भूमिका होगी जो इसमंदिर के निर्माण कार्य में बहुत अहम भूमिका निभाएगी। इन वैज्ञानिकों की मदद से आर्किटेक्ट इस तरह के इंतेजाम कर रहे हैं जिससे श्रीराम के जन्म के दिन यानी रामनवमी को सूर्य की किरण सीधे रामलला के मस्तक को प्रकाशित करेगा। इस कार्य को सफल करने हेतु दोपहर को जब सूर्य बिलकुल ऊपर होगा उसको मिरर के मदद से डायवर्ट कर और लेंस के माध्यम से गर्भगृह में रामलला के मस्तिष्क पर डाला जाएगा और इसे सूर्य तिलक के नाम से जाना जाएगा। वैज्ञानिकों द्वारा किए गए रीसर्च में बताया गया है कि 19 साल तक किरण को डायवर्ट करने की अव्यसकता बिलकुल नहीं होगी क्योंकि इस 19 साल में सूर्य अपना रास्ता नहीं बदलेगा। 19 साल के बाद इस तरीक़े में बदलाव की ज़रूरत पड़ेगी। श्रीराम जन्मभूमि का पूरा निर्माण 70 एकड़ में होगा और इस परिसर में केवल 20 एकड़ में मंदिर से सम्बंधित का निर्माण होगा इसके अलावे बचे हुए 50 एकड़ में हरियाली का कार्य होगा। इसके अंदर कौन कौन से वृक्ष लगाए जाएँगे, वृक्षों की कौन सी फ़ैमिली होगी और कितने वृक्ष होंगे इन सब की चर्चा पहले ही की जा चुकी है और उसके हिसाब के कार्य करी भी जा रही है। इसके अलावे वाल्मीकि रामायण में कौन से वृक्ष का वर्णन है और कौन से पेड़ यहाँ उगाए जाएँगे उसके बारे में सोच विचार पहले की जा चुकी है। बताया जा रहा है की हरियाली क्षेत्र को छोड़ जो बाक़ी 20 एकड़ में काम होने हैं उसमें सिर्फ़ 5 एकड़ में मंदिर का निर्माण होगा। इसके अलावे बचे 15 एकड़ में रामलला से जुड़े धार्मिक और अन्य देवी देवताओं के मंदिर का भी निर्माण होगा।
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