पटना: गणेश चतुर्थी को लेकर पूरे देश में जमकर तैयारियां चल रही है। इस त्योहार से बिहार की राजधानी पटना भी अछूती नहीं रही है। बता दें की कोरोना महामारी के दो साल के बाद गणेश चतुर्थी को इतने धूमधाम से मनाया जा रहा है। इसको लेकर पटना के चौक चौराहों पर लोगों की काफ़ी भीड़ देखी जा रही है। पटना शहर में भगवान गणेश की तरह तरह की प्रतिमाएं कारीगरों द्वारा बनाई जा रही है।
31 अगस्त यानी कल गणेश चतुर्थी को लेकर बाजारों में भारी भीड़ देखने को मिल रही है। लोग अपने परिवार के साथ भगवान गणेश की प्रतिमा लेने बाज़ार में निकले हुए हैं। इस दौरान लोगों की भीड़ से कई रास्तों पे जाम की समस्या भी उत्पन्न हो गई है। बोरिंग रोड, आर पी एस मोड़, नाला रोड, सगुना मोड़, दानापुर आदि जगहों पर लोग सबसे ज्यादा भगवान गणेश की प्रतिमा खरीदने पहुंचे हुए हैं। पटना शहर में महिला मूर्तिकार ने एक से बढ़कर एक बप्पा की मूर्ति का डिजाइन बनाया है जिसको खरीदने बहुत सारे लोग आ रहे हैं।
पटना में गणेश चतुर्थी को लेकर इस बार ख़ास तैयारी की जा रही है और इसी कड़ी में देश के अलग अलग क्षेत्रों से कारीगर पटना पहुंचे हुए हैं। कुछ कारीगर गूगल का सहारा लेकर मूर्तियों को तराशने में लगे हुए हैं। राजस्थान से आए एक कारीगर ने बताया दो साल बाद आयोजित किए जा रहे इस त्योहार को लेकर लोगों के बीच काफ़ी उत्साह देखा जा रहा है और लोग ख़रीदारी करने बाहर निकाल रहे हैं। उन्होंने ने बताया कि उनके टीम के द्वारा 200 मूर्तियां बनाई गई है जिसकी बुकिंग कुछ दिन पहले से ही शुरू हो गई थी। हालांकि इस बार महंगाई थोड़ी बढ़ गई है। कोरोना के बाद कच्चे माल, रंग आदि की क़ीमतों में 25 फ़ीसदी तक बढ़ोतरी देखी जा रही है।
पटना में भगवान गणेश की कई प्रकार की प्रतिमाएं देखने को मिल रहा है। छोटी मूर्तियों से लेकर बड़े साइज के भी भगवान गणेश मौजूद हैं। इन मूर्तियों की क़ीमत 300 से 1500 रुपए के बीच रखी गई है।
गणेश चतुर्थी को खास और पवित्र बनाने के लिए पटना में कारीगरों द्वारा गंगा की मिट्टी का भी इस्तेमाल किया जा रहा है। गंगा के मिट्टी से मिलाकर बनाए हुए मूर्ति पूजा के नजरिए से शुभ माना जाता है। इसके अलावे कारीगरों द्वारा मूर्तियों को आकर्षक बनाने और ग्राहकों को लुभाने के लिए फ़्लोरोसेंट कलर्स का भी इस्तेमाल किया जा रहा है।