सूरत: दो साल आयोजित के बाद आयोजित किया जा रहे गणपति महोत्सव को लेकर पूरे देश में हर्षोल्लास है। महाराष्ट्र हो या दिल्ली, उत्तरप्रदेश हो या गुजरात सारे ही जगह इस उत्सव को बेहद ख़ास तरीक़े से मनाया जा रहा है। भक्तगण ऐसी भक्ति में डूबे हुए हैं जैसे मानो दो साल का कसर पूरा कर रहे हैं। कोरोना महामारी की वजह से बीते दो साल से लगे प्रतिबंध के बाद भक्त पूरी तरह भक्ति में लीन हैं। चारों तरह बप्पा के भजन, मंत्र, ढोल नगाड़े आदि सुनाई दे रहे हैं।
देवों में सबसे प्रथम पूजनीय भगवान गणेश को लेकर गुजरात के सूरत में हज़ारों की संख्या में भक्त बप्पा की भक्ति में डूबे दिख रहे हैं। गणेश उत्सव की ख़ुमारी भक्तों पर अभी से ही चढ़ने लगी है। बीते कुछ दिनों से सूरत में डीजे, लाइट और नासिक ढोल के साथ बप्पा की आराधना करी जा रही है। पूरे देश में गणेश उत्सव की अनुमति के बाद सूरत में किए जा रहे आयोजन पर लगभग 200 करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं। इस दौरान गलियों, मोहल्लों के पंडालों में भी लाइट और डीजे की वयस्था करी गई है और साथ ही कई जगहों पर सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए जा रहे हैं।
आपको बता दें कि सूरत के सड़कों पर देर रात तक ढोल नगाड़े बजाते हुए सुने जा रहे हैं। बताया जा रहा कि मंडप के सजावट से लेकर, ड्रेस कोड, महाआरती, छप्पन भोग का भी इंतज़ाम किया गया है। महाआरती के दौरान 108, 1008 दीपक जलाए जा रहें है। भोग में भगवान गणेश के लिए अलग अलग बजट के मोदक चढ़ाए जा रहे हैं।
बताया जा रहा है कि एक डीजे खर्च में लगभग एक से डेढ़ लाख रुपए तक ख़र्च हुए हैं।वही छोटे छोटे डीजे का मूल्य लगभाग 20 से 50 हज़ार रखा गया है। कुछ मंडलों द्वारा बप्पा के आगमन और विसर्जन के लिए डीजे पर पाँच लाख रुपय ख़र्च कर रहे है। गणेश चतुर्थी के अवसर पूरे सूरत में बड़े बड़े डीजे के साथ भक्तगण झूमते दिखे।
इस बार सूरत में बप्पा के साज-सज्जा और सौंदर्यीकरण पर लगभग 25 हज़ार से 5 लाख तक रुपए खर्च किए गए हैं। ख़र्च का अंदाज़ा पंडालों की ख़ूबसूरती और भव्यता को देख कर समझा जा सकता है। इस दौरान विसर्जन यात्रा के लिए एक जैसे पोशाक पहनने की बात करी जा रही है जिसकी झलकी शोभा यात्रा के दौरान देखने को भी मिला। इस ड्रेस कोड में लोग 5000 से 25000 रुपए तक ख़र्च कर रहे हैं।
सूरत का बाज़ार इस बार 200 करोड़ से ज्यादा का कारोबार करने वाला है। और इन तैयारी को देख अंदाज़ा लगाया जा सकता है की यह 200 करोड़ का कारोबार बढ़ भी सकता है। दो साल के बाद आयोजित हुए इस बड़े पयमाने गणेश उत्सव की वजह से कारोबारियों के चहरे पर ख़ुशी छाई हुई है।