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बप्पा के दर्शन के साथ मिलेगा कोरोना का बूस्टर डोज, गणेश पंडाल में स्वास्थ्य विभाग द्वारा लगाया गया स्टाल

नागपुर: पूरे देश में बप्पा का आगमन धूम धाम से हो चुका है। पंडाल हो या घर लोग छोटे बड़े गणेश जी मूर्ति स्थापित किए है। इस उत्सव को महाराष्ट्र में बड़े पयमाने पर मनाया जाता है। महाराष्ट्र में नेता, अभिनेता, खिलाड़ी, अमीर, गरीब हर वर्ग के लोग बप्पा के सामने सिर झुकाते हैं। भारत ही नहीं देश के बाहर से भी लोग महाराष्ट्र में गणेश उत्सव के दौरान आते हैं और बप्पा से मन्नतें मांगते हैं। कोरोना महामारी के दो साल के बाद आयोजित हो रहे इस महोत्सव में भक्तों की भारी संख्या देखने को मिल रही है। 

कोरोना होने का ख़तरा अभी ख़त्म नहीं हुआ है, प्रतिदिन देश में 9000 के लगभग ने मामले सामने आ रहे हैं। ऐसे में महाराष्ट्र में गणेश महोत्सव पर भक्तों की भीड़ से कोरोना फैलने का ख़तरा भी है। इसी परेशानी को ध्यान में रखते हुए नागपुर प्रशासन द्वारा कोरोना के बूस्टर डोज देने का इंतज़ाम किया गया है। नागपुर प्रशासन द्वारा भक्तों को बूस्टर लेने की अपील भी करी जा रही है। कोरोना के बूस्टर डोज की व्यवस्था प्रशासन द्वारा करी गई है। इसके लिए सार्वजनिक पंडालों को चुना गया है जहाँ बूस्टर डोज दी जाएगी। इसके लिए प्रशासन की ओर से पंडाल के मंडलो से जगह उपलब्ध कराने की अपील की गई है।

इस मुद्दे को गम्भीरता से लेते हुए राज्य के गृह, राजस्व और हेल्थ डिपार्टमेंट के साथ साथ जिलाधिकारियों ने अपने अपने क्षेत्र में जा कर इस बात का जायज़ा लिया। अधिकारियों द्वारा गणेश उत्सव के दौरान शांति बनाए रखने की भी अपील की गई है। इसके साथ ही कोरोना के ख़तरे को देखते हुए लोगों से अपील करी गई है कि जिन्होंने ने बूस्टर डोज नहीं  लिया वो पंडाल कि समीप आ कर डोज लें। प्रशासन द्वारा भक्तों को बड़े पयमाने पर समंझने की कोशिश करी जा रही है की भक्ति के साथ सेहत का ख़याल रखना भी ज़रूरी है और इसके लिए बूस्टर डोज लेना बहुत ज़रूरी है।

अदालत के द्वारा जिला प्रशासन को आदेश दिया गया है कि  यात्रा के दौरान नियमों का पालन किया जाए और साथ  विसर्जन किसी भी हाल में बनाए गए तालाब में ही हो। महानगरपालिका को आदेश दिया गया है कि सभी जगाओं पर बप्पा के मूर्ति विसर्जन को तालाब बनाए जाए। तालाब के आसपास सभी सुविधाओं की मुहैया भी करवाए ताकि विसर्जन करने आने वाले भक्तों को किसी प्रकार की कोई परेशनी का सामना ना करना पड़े।