कोटा: 10 दिनों तक चलने वाले गणपति महोत्सव की धूम पूरे देश में मची हुई है। राजस्थान के कोटा में भी गणेश उत्सव अनंत चतुर्थी मनाई जाने वाली है। देवताओं में सर्वप्रथम पूजनीय भगवान गणेश को भोग के रूप में मोदक सबसे प्रिय हैं और आज के समय में मोदक के भी अनेक प्रकार है। कहीं पर मोदक नुकती, तो कहीं बेसन, कहीं चूरमा तो कहीं काजू बादाम के लड्डू बाज़ार में उपलब्ध हैं। भारत के कोने कोने में बप्पा को भोग के रूप में गणेश उत्सव के दौरान कई-कई किलो लड्डू और मोदक चढ़ाए जाते हैं।
पूरे देश की तरह कोटा में भी गणेश उत्सव की धूम मची हुई है। भगवान को प्रतिदिन तरह तरह के भोग लग रहे हैं। ऐसे में बताया जा रहा है कि पूरे 10 दिन में बप्पा को 10 लाख किलो लड्डू और मोदक का भोग लगाया जाएगा। कोटा में प्रतिदिन एक लाख किलो भोग बप्पा को चढ़ाए जा रहे हैं। आने वाले दिनों के लिए बाज़ार पूरी तरह से तैयार है और मोदक व लड्डू के कारोबारियों द्वारा पहले से ज्यादा अपनी तैयारी कर ली गई है। उम्मीद की जा रही है कि आने वाले दिनों में लड्डू और मोदक की खपत शहर में बढ़ने वाली है।
कोटा में वैसे तो कई तरह के लड्डु मिलते है पर इन दिनों शहर में कलश लड्डू ने सभी लोगों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर रखा है। इस कलश वाली लड्डू की क़ीमत आठ सौ रुपए रखी गई है। बताया जा रहा है कि कलश लड्डू का यह शुरुआती क़ीमत है। इस लड्डू के अलावे भगवान गणेश को भोग के रूप में चढ़ाने के लिए शाहगार वाले मोदक भी बनाए गए हैं। इस मोदक को उस तरीक़े से तैयार किया है जिसे जो भक्त व्रत कर रहें हैं वह भी प्रसाद के रूप में इस मोदक का ग्रहण कर सकते हैं।
कोटा अपने ख़ास तरह की चीज़ों के लिए हमेशा मशहूर रहा है। कोटा और नंदराम बाज़ार में इन दिनों कलश लड्डू और कुल्हड़ लड्डू की काफ़ी डिमांड है। भगवान गणेश को कलश लड्डू के साथ कुल्हड़ लड्डू का भी भोग लगाया जा रहा है। इस लड्डू को नुकती से बनाया गया है। इन नुक्तियों को कलश का आकर देकर इस मिठाई को तैयार किया जाता है।आसानी से मिल जाने वाले बेसन, चूरमा और ड्राई फ़्रूट के लड्डुओं को भी तैयार किया जिससे भगवान गणेश को भोग लग सके।
कोरोना महामारी के बाद आयोजित किए जा रहे गणपति महोत्सव में गणपति स्थापित करने की संख्या में वृधि हुई है। एक आँकड़े के अनुसार अकेले कोटा शहर में करीब 1000 पंडाल लगाए गए हैं। इसमें तलवंडी चौराहा, छावनी, रामपुरा, गुमनपुरा आदि समेत छोटे बड़े पंडाल है। इसके अलावे लोगों द्वारा अपने घर में भी बप्पा की प्रतिमा स्थापित करी गई है। और इन सारे जगहों पर भोग लगाया जा रहा है और इन्ही सारे को जोड़कर 10 लाख किलो भोग लगने की उम्मीद की जा रही है।