हिमाचल प्रदेश: हिमाचल प्रदेश में केंद्र सरकार की मंज़ूरी से छह रोपवे का निर्माण करवाया जाएगा जिसको लेकर केंद्रीय सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा निर्माण की मंज़ूरी दे दी गई है। सरकार द्वारा करवाए जा रहे रोपवे का निर्माण पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (PPD) मोड पर होगा। रोपवे के निर्माण के पीछे कारण धार्मिक और पर्यटन को बढ़ावा देना है। इन रोपवे में पाँच रोपवे के निर्माण में लगभग 1,364 रुपए के खर्च होने की उम्मीद है और बचे हुए एक रोपवे के निर्माण में लगने वाली राशि को अभी तय नहीं किया गया है।
हिमाचल प्रदेश में होने वाले छह रोपवे 39 किलोमीटर होगा। छह रोपवे जिनका निर्माण होना है उसमें दो कांगड़ा जिले में इसके अलावे कुल्लू, चंबा, सिरमौर और बिलासपुर में एक एक रोपवे का निर्माण होगा। 2022 के फरवरी में राज्य सरकार के द्वारा इन छह रोपवे के निर्माण को लेकर केंद्र सरकार को फरमान भेजा गया था। आपको बता दें की निर्माण होने वाले छह रोपवे में चार का निर्माण पर्यटन और धार्मिक दृष्टिकोण से होगा।
कुल्लू में बिजली महादेव, भरमौर से भरमाणी माता मंदिर, सिरमौर के शिरगुल महादेव मंदिर से चूड़ाधार और जिला कांगड़ा में हिमानी चामुंडा तक रोपवे को धार्मिक पर्यटन की दृष्टि से विकसित किया जाएगा। इसके निर्माण से पर्यटन के अलावे आजीविका के अवसर खुलेंगे। एक आंकड़े के अनुसार हिमाचल प्रदेश में पर्यटन की वजह से सात फिसदी का योगदान मिलता है जो एक बहुत बड़ा हिस्सा है। इन रोपवे के निर्माण की वजह से प्रदेश में कारोबार के नए रास्ते खुलेंगे और रोज़गार के अवसर भी खुलेंगे।