यूएई(दुबई): आस्था से जुड़े लोगों के लिए दुबई के जेबेल अली विलेज में एक भव्य हिंदू मंदिर का निर्माण कराया गया है। बता दे इस मंदिर के बनने से वहां रह रहे हिंदु धर्म के लोगोंं के लिए अब भगवान के दर्शन करने के लिए कहीं और नहीं जाना होगा, अब भक्त इस मंदिर में आकर अपना शीष झुका सकते हैं यह मंदिर काफी भव्य और सुंदर बनाया गया है, जो भक्तों के लिए 5 अक्टूबर से खोला जाएगा। बता दे इस मंदिर में 16 हिंदु देवी-देवताओं की मूर्ति है।
जानकारी के लिए बता दे इस मंदिर में एक ज्ञान कक्ष और आउटरीच की गतिविधियों के लिए सामुदायिक केंद्र भी बनाया गया है,यह मंदिर जेबेल अली में अमीरात के कॉरिडोर ऑफ टॉलरेंस में स्थित है।
मंदिर के पहले फ्लोर पर प्रार्थना सभागार बनाया गया है,जहाँ देवी-देवताओं की पूजा की जाएगी।इसके साथ ही सिख धर्म की पवित्र पुस्तक के लिए एक कक्ष अलग से बनाया गया है,मंदिर के ग्राउंड फ्लोर पर 4,000 स्क्वॉयर फीट में बैंक्वेट हॉल, एक मल्टीपर्पस कक्ष और ज्ञान कक्ष बनाया गया है।
सामुदायिक हॉल और ज्ञान कक्ष में LCD स्क्रीन भी इंस्टॉल की जाएगी। इसके अलावा पहली मंजिल पर तुलसी के पौधे के लिए पोडियम के साथ-साथ नौ ग्रहों के लिए भी अलग से स्थान बनाये गए है, जहां उनकी पूजा की जाएगी। इस मंदिर में एक ड्राई और कोल्ड स्टोरेज फैसिलिटी के साथ सभी सुविधाओं से लैस रसोईघर भी बनाया गया है, जहां भक्तों के लिए प्रसाद या फिर किसी आयोजन के लिए खान-पान बनाया जाएगा। इसके साथ ही इस मंदिर में दिवाली और नवरात्रि जैसे त्योहारों पर विशेष कार्यक्रमों का आयोजन भी किया जाएगा।
बात अगर मंदिर की डिज़ाइन की करें तो मंदिर का डिज़ाइन राजस्थान के कारीगरों द्वारा तैयार किया जा रहा है, मंदिर को तैयार कर रहे कारीगर मंदिर के बाहरी और भीतरी मार्बल के डिज़ाइन को अंतिम रूप देने के काम में लगे हुए है। मंदिर के आर्किटेक्चर पैटर्न में मशरबिया पैटर्न जैसे अरबी एलिमेंट को शामिल किया जा रहा है, इस पैटर्न में भारतीय और अमीराती दोनों का टच दिया जा रहा है।
मंदिर में विशाल खंबे,सफेद मार्बल पर बनी हैंडक्राफ्ट मूर्तिकला, मंदिर में लकड़ी के दरवाजे और पिलर्स पर लगी घंटियाँ भी आकर्षण का केंद्र रहेंगी। मंदिर में काले पत्थरों पर दक्षिण भारत के देवी-देवताओं की मूर्तियों को काफी बारिकी से उकेरा गया है। मंदिर परिसर में भगवान शिव के अलावा गणेश जी, कृष्ण जी व महालक्ष्मी जी के साथ दक्षिण भारतीय देवी-देवता गुरुवायूरप्पन और अयप्पन की प्रतिमाओं को भी प्रार्थना सभा में स्थापित किया जाएगा। इस मंदिर में कम से कम 8 पुजारी हर समय भक्तों के लिए मौजूद रहेंगे।
दुबई के इस मंदिर में श्रद्धालु पूजा के साथ साथ हवन या निजी कार्यक्रमों का आयोजन भी कर सकेंगे, जानकारी के लिए बता दे यह मंदिर 70,000 वर्ग फीट में बनाया गया है। इस मंदिर में 1000 -1200 भक्त दर्शन कर सकते है, बता दे दर्शन के साथ ही यह मंदिर अबू धाबी के लोगों के लिए एक ख़ास वीकेंड के रूप में भी साबित होगा।
मंदिर में दर्शन की बात करें तो यह मंदिर भक्तों के लिए 2 चरणों में खोला जाएगा।जिसमे पहले चरण में मंदिर के पूजास्थल को भक्तों के लिए खोला जायेगा वहीँ दूसरे चरण में मंदिर के ज्ञान कक्ष और सामुदायिक केंद्र को 14 जनवरी 2023 यानी मकर संक्राति को खोल दिया जायेगा