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मध्य प्रदेश के कुनो नेशनल पार्क में हुए पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा

मध्यप्रदेश: मध्य प्रदेश के कुनो नेशनल पार्क में देश-विदेश से पर्यटक चीतों और घड़ियालों को देखने के लिए आते रहते है, कुनो-पालपुर राष्ट्रीय उद्दान करीब 748.76 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है। बता दे कुनो नदी नेशनल पार्क से होकर गुजरती है, 2020 में इस नदी में घड़ियाल के साथ-साथ घड़ियाल के 50 बच्चों को छोड़ा गया था जो कि अब बड़े हो चुके है। 

बता दे कि देश के प्रधानमंत्री अपने जन्मदिन को मध्यप्रदेश के श्योपुर के कूनो नेशनल पार्क में मनाएंगे, प्रधानमंत्री के जन्मोत्सव पर कूनो के नेशनल पार्क में आठ चीतों को छोड़ा जायेगा,जानकारी के लिए बता दे कि ये चीते नामीबिया से भारत लाये जा रहे है, विंडहॉक नामीबिया की राजधानी है और यहीं से इन चीतों को विमान के ज़रिये भारत लाया जायेगा, इन चीतों में 5 नर और 3 मादा है। 

इस परियोजना की शुरुआत देश के प्रधानमंत्री करेंगे। वे दो नर चीतो को एक बाड़े में तथा एक मादा चीता को दूसरे बाड़े में छोड़ेंगे, नामीबिया से लाये जा रहे इन चीतों को खुले स्थानों पर छोड़ने से पहले एक खुले बाड़े में रखा जायेगा,इसके पश्चात जब वह चीते वातावरण के साथ रहना सीख जायेंगे तब उन्हें खुले वन क्षेत्रों में छोड़ दिया जायेगा। 

इन चीतों की बात करें तो ये चीते जंगल में आमतौर पर दो या तीन समूह में रहते है।चीतों में किसी तरह का कोई संक्रमण न हो इसके लिए गांव में रह रहे मवेशियों का टीकाकरण करवाया गया है। 

चीतों को नामीबिया से पालपुर इसलिए लाया जा रहा है क्यूंकि वन्यजीव अभयारण्य में वैसा ही वातावरण मिलेगा जिसकी उनको आदत है. इस अभ्यारण्य में दो दर्जन चीतों के लिए पर्याप्त जगह है.कूनो नेशनल पार्क में जानवरों के पीने के लिए पानी की दिक्कत नहीं होगी, क्योंकि कूनो नदी पार्क से होकर ही बहती है. श्योपुर और उससे सटे जिले शिवपुरी के बीच 3,000 वर्ग किलोमीटर का अतिरिक्त क्षेत्र भी है. इससे चीतों को घूमने में भी आसानी होगी।

कूनो एक नेशनल पार्क है,और सरकार के द्वारा 10 जगहों की खोज के बाद कूनो पालपुर वन्यजीव अभयारण्य को इन चीतों के लिए चुना है. इसके चयन के पीछे की वजह यह रही कि जानवरों की आबादी में मध्य प्रदेश का रिकॉर्ड अच्छा रहा है.और मध्य प्रदेश में 2009 में पन्ना में बाघों को सफलतापूर्वक बसाया भी गया है।