उज्जैन: उज्जैन महाकालेश्वर ज्योतिलिंग में परंपरा के अनुसार हर साल सृष्टि के सृजनकर्ता शिव एवं उमा का पुरुष एवं प्रकृति के उत्सव का रूप श्री महाकालेश्वर मंदिर में उमा-सांझी महोत्सव के रूप में मनाया जाता है।
यह महोत्सव अश्विन कृष्ण पक्ष एकादशी से अश्विन शुक्ल द्वितीया तक मनाया जाता है। इसके साथ ही उमा-सांझी का पूजन लोक परंपरा व प्राचीन संस्कृति पर आधारित है।
कोविड-19 गाइडलाइन के चलते इस साल भी महोत्सव सांस्कृतिक कार्यक्रम व प्रतियोगिताओं का आयोजन नहीं किया जाएगा, और आखिरी दिन शिप्रा नदी में संझा का विसर्जन किया जाएगा। इस दौरान मां पार्वती नगर भ्रमण पर निकलेंगी।
शनिवार की सुबह मां पार्वती मंदिर में महोत्सव की शुरुआत के लिए घटस्थापना की गई। और अखंड दीप प्रज्वलित किया गया।2 अक्टूबर को श्री उमा माता की घट स्थापना की जाएगी।
शाम को आरती के बाद चारों वेदों के ब्राह्मणों द्वारा वसंत पूजा होगी। प्रतिदिन सभामंडप में मंदिर के पुजारी/पुरोहितों द्वारा श्री अन्नपूर्णा मंदिर के पास रखे प्राचीन पत्थर पर रंगोली से संझा बनायी जाएगी।
6 अक्टूबर को अमावस्या के दिन रात्रि जागरण होगा व 7 अक्टूबर को शाम 4 बजे श्री उमा माता की सवारी के साथ महोत्सव का समापन होगा। इस ख़ास उत्सव में धर्म व संस्कृति के कई रंग देखने को मिलेंगे।