उज्जैन: मध्यप्रदेश के उज्जैन में ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर मंदिर के आसपास कॉरिडोर का निर्माण कार्य किया जा रहा था। बता दे कि इस कॉरिडोर का निर्माण कार्य लगभग पूरा हो गया है। यह देश का पहला ऐसा धार्मिक परिसर है जो पौराणिक सरोवर रुद्रसागर के किनारे तैयार हुआ है।
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा उज्जैन में भगवान महाकालेश्वर कॉरिडोर का निरीक्षण किया गया। 11 अक्टूबर के दिन प्रधानमंत्री महाकाल मंदिर कॉरिडोर का लोकार्पण करेंगे। इस अवसर पर पूरे उज्जैन को सजाया जा रहा है और महाकाल मंदिर में दिवाली जैसा माहौल बनाया जा रहा है। कॉरिडोर के लोकार्पण के दौरान हर गली-चौराहों से आतिशबाजी होगी, लाइट शो होगा और करीब 5 लाख लोगों के घरों तक प्रसाद और पुस्तिका पहुंचाने का काम किया जाएगा।
जानकारी के लिए बता दे कि इस कॉरिडोर का आकर काशी विश्वनाथ मंदिर से करीब 4 गुना बड़ा है। इस कॉरिडोर में यहां आने वाले भक्त भगवान शिव की महिमा की कहानी इन्ही मूर्तियों और पेंटिंग्स से समझ पाएँगे। महाकाल कॉरिडोर में सप्त ऋषि, नवग्रह मंडल, त्रिपुरासुर वध, कमल ताज में विराजित महादेव और 108 स्तम्भों में शिव के आनंद तांडव, शिव स्तंभ और नंदी महाराज की विशाल प्रतिमाएं है।
बता दे कि महाकाल कॉरिडोर का निर्माण कार्य 2019 में शुरू हुआ था और अब खत्म होने की कगार पर हैं, जिसमे महाकाल पथ, महाकाल वाटिका का रुद्रसागर तालाब के किनारे डेवलपमेन्ट किया गया है। महाकाल कॉरिडोर देश का पहला धार्मिक प्रांगण है जहां नाइट गार्डन बनाया गया है। यह मंदिर परिसर 2 हेक्टेयर में बना हुआ है, इस कॉरिडोर को बनने में तक़रीबन 750 करोड़ रुपय की लागत आने की अनुमान है जिसके कुल खर्च में से 422 करोड़ रुपए राज्य सरकार करेगी।