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महाकाल मंदिर में सुरक्षा के हाईटेक इंतज़ाम, फेस रिकॉग्निशन और सीसीटीवी कैमरे की मदद से होगी लोगों की पहचान

उज्जैन: महाकालेश्वर मंदिर में निर्मित किए जा रहे कॉरिडोर को जिस ख़ूबसूरती के साथ बनाया गया है उसी तरीक़े से यहाँ सुरक्षा के भी पुख़्ता इंतेजाम किए गए हैं। 11 अक्टूबर को प्रधानमंत्री के द्वारा उद्घाटन के बाद कॉरिडोर को पूरी तरीक़े से आम लोगों के खोल दिया जाएगा। हालाँकि इस बार सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए हाईटेक इंतेजाम किए गए हैं। सुरक्षा के मद्देनजर मंदिर परिसर में चारों ओर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। कैमरा के आलवे मंदिर में फ़ेस रिकॉग्निशन लगाए गए हैं ताकि मंदिर में कोई असमजिक तत्व ना घुस पाए। इसके अलावा फ़ेस रिकॉग्निशन का इस्तेमाल लोगों को ढूंढने के लिए भी किया जाएगा। इसका इस्तेमाल ख़ास कर छोटे बच्चे को खोजने में किया जाएगा जो मंदिर में इधर उधर हो जाते है। फ़ेस रिकॉग्निशन के अलावा मंदिर वस्तुओं को जाँचने के लिए स्केनर भी लगाया जाएगा जिसके माध्यम से आने वाले श्रद्धालुओं की वस्तुओं को जांचा जाएगा 

प्रधानमंत्री के उद्घाटन के साथ ही मंदिर में लगी सारी सुरक्षा व्यवस्था शुरू कर दी जाएँगी। इस मंदिर के विस्तारिकरण के दौरान यहाँ एक नई दीवार बनाई गई है जिसपर शिव पुराण से जुड़े सारे श्लोक अनिकित किए गए हैं। इसके अलावा भगवान शंकर के बारे में जिन भी श्रद्धालुओं को विस्तारित जानकारी चाहिए होगी उसके लिए क्यूआर कोड की सुविधा मिलेगी। इस क्यूआर के माध्यम से ऑडियो गाइड के द्वारा भगवान शिव की जानकारी मिलेगी। मंदिर परिसर को इतना हाईटेक बनाया गया है की यहाँ किसी प्रकार के गाइड की ज़रूरत नहीं पड़ेगी।

मंदिर परिसर का पूरा कार्य 30 सितंबर तक पूरा कर लिया जाएगा। अगर बात करें मंदिर परिसर क्षेत्र की तो रूद्र सागर को मिलाकर पूरा महाकाल मंदिर 47 हेक्टेयर का हो गया है। आपको बता दें कि कॉरिडोर के पूर्ण निर्माण के बाद यहाँ एक समय में 25000 से 30000 श्रद्धालु रह सकते है और एक दिन में 10 से 12 लाख लोग दर्शन कर सकते है। हालाँकि प्रथम चरण के निर्माण के बाद अभी 25 से 30 हज़ार लोग ही दर्शन कर पाएँगे।