वाराणसी: बाबा विश्वनाथ मंदिर के प्रसाद के चमत्कार से चमकी 24 महिलाओं की किस्मत...ये सुन कर आप जरुर हैरान में पड़ गए होंगे कि भला प्रसाद से किसी की किस्मत कैसे चमक गई? हम ये नहीं कहते हैं कि भगवान के प्रसाद में शक्ति नहीं होती, शक्ति होती है और इस शक्ति का प्रदर्शन कई तरीकों से हो सकता है। चलिए अब इस कहानी को विस्तार से बताते हैं और साथ में ये भी बताते हैं कि कैसे इस 24 महिलाओं की किस्मत चमकी। दरअसल बनारस की 24 महिलाएं बाबा विश्वनाथ मंदिर की प्रसाद की वजह से आज आत्मनिर्भर बनीं हैं और अच्छी खासी कमाई कर अपने परिवार का भरण पोषण कर रही हैं।
तीन साल पहले विश्वनाथ धाम के बाहर बाबा के नाम पर बिकने वाले प्रसाद की शुद्धता और गुणवत्ता को लेकर मंदिर प्रशासन को कई बार शिकायतें मिली। जिसके बाद श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास हरकत में आई और बाबा के महाप्रसाद को शुद्धता के साथ तैयार करने की जिम्मेदारी ग्रामीण महिलाओं के एक समूह को दी गई। जिस वक्त इसकी शुरुआत हुई, उस समय प्रसाद की खपत महज कुछ किलो ही थी, लेकिन जब से बाबा विश्वनाथ के नए धाम का लोकार्पण हुआ है, तब से भक्तों की संख्या में रिकॉर्ड तोड़ इजाफा हुआ है और इसके कारण इस प्रसाद को तैयार करने वाली 24 महिलाएं अब कर्मचारी से व्यापारी बन गई हैं।
महिला समूह की अध्यक्ष सुनीता जायसवाल के मुताबिक अब हर दिन लगभग दो से तीन क्विंटल प्रसाद की खपत हो रही है। इसे 24 महिलाएं मिल कर पूरे दिन में तैयार करती हैं। प्रसाद की डिमांड बढ़ने के कारण अब इन महिलाओं के आय में भी वृद्धि हुई है। आपको बता दें कि इस महाप्रसाद से अब ये महिलाएं हर रोज 500 से 800 रुपये कमा रही हैं। अब ये महिलाएं आत्मनिर्भर हैं और अच्छे से अपना परिवार चला रही हैं।
बाबा विश्वनाथ धाम में मिलने वाला प्रसाद बेहद खास होता है। इस महाप्रसाद को आटा, देशी घी, बादाम के मिश्रण से बनाया जाता है। इसे बनाने में ये महिलाएं शुद्धता का पूरा ख्याल रखती हैं। बाबा का ये प्रसाद धाम परिसर में जगह जगह बने काउंटर्स पर मिलते हैं, जिसे भक्त 500 रुपये प्रति किलो के हिसाब से खरीदते हैं। इस प्रसाद से होने वाली कमाई का 20 फीसदी हिस्सा बाबा विश्वनाथ धाम प्रशासन लेता है और बांकि का 80 फीसदी हिस्सा महिलाओं को जाता है। तो इस प्रकार से बाबा विश्वनाथ धाम के प्रसाद की वजह से इन 24 महिलाओं की किस्मत बदल गई है।