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बागेश्वर में मकर संक्रांति पर लगेगा उत्तरायणी मेला, 1 सप्ताह तक चलता है ये मेला...

बागेश्वर (उत्तराखंड):  उत्तराखंड में अलग अलग जगहों पर मकर सक्रांति या उत्तरायणी के अवसर पर नदियों के किनारे मेले लगते हैं। इसी क्रम में बागेश्वर में भी उत्तरायणी मेला लगता है, जो अपने आप में खास है। यह मेला बागेश्‍वर में सरयू और गोमती नदी के तट पर हर साल मकर सक्रांति के मौके पर उत्तरायणी मेले के नाम से आयोजित होता है | बागेश्‍वर में आयोजित होने वाला उत्‍तरायणी मेला एक सप्ताह चलता है और इस मेले में शामिल होने के लिए भारी संख्या में लोग बागेश्वर पहुंचते हैं|  कुमाऊँ क्षेत्र में उत्तरायणी मेला बहुत मशहूर है। श्रद्धालु सरयू और गोमती नदी के संगम पर डुबकी लगाते हैं और बागनाथ के मंदिर में भगवान शिव के दर्शन करते हुए भिक्षुकों को दान-दक्षिणा देकर पुण्य अर्जित करते हैं।

 

बागेश्वर में लगने वाले ऐतिहासिक उत्तरायणी मेले को भव्य और आकर्षक बनाने की तैयारी शुरू हो चुकी है। यहां इस मेले को और ज्यादा भव्य बनाने के लिए प्रशासन के द्वारा स्थानीय लोगों को प्रस्तावित रुपरेखा बताई गई है और साथ ही कारोबारियों और नगरवासियों द्वारा और कई तरह के सुझाव प्रशासन को दिए गए हैं। मेले के बारे में बात करते हुए जिले के एसडीएम ने कहा है कि मेले के भव्य आयोजन के लिए सामूहिक रूप से काम किया जा रहा है। पिछली गलतियों को दुरुस्त करते हुए सकारात्मक सोच के साथ मेला आयोजित किया जाएगा। मेले में स्थानीय कलाकारों द्वारा कई कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इसके साथ ही बागनाथ मंदिर को फूलों से सजाया जाएगा।

 

आपको बता दें कि इस मेले में भारत और नेपाल के व्यापारिक सम्बन्धों की वजह से नेपाल से भी कारोबारी यहां आते हैं। उन्हें भी सालभर इस मेले के इंतजार रहता है। तिब्बती व्यापारी यहाँ ऊनी माल, चँवर, नमक व जानवरों की खालें लेकर आते है और भोटिया-जौहारी लोग गलीचे, दन, चुटके, ऊनी कम्बल, जड़ी बूटियाँ लेकर आते है और साथ में नेपाल के व्यापारी शिलाजीत, कस्तूरी आदि के स्टॉल लगाते है।

(आकांशा शर्मा)