आगरा: शहर में स्थित 600 साल पुराना ऐतिहासिक हनुमान मंदिर, जो लंगड़े की चौकी हनुमान मंदिर के नाम से देशभर में प्रसिद्ध है, यहां हर रोज भारी संख्या में भक्त हनुमान जी को फूल बंगाल और सिन्दूर का चोला चढ़ाने के लिए पहुंच रहे हैं। भीड़ इतनी है कि अब फूल बंग्ला और सिन्दूर का चोला चढ़ाने के लिए लोग एडवांस बुकिंग करा रहे हैं। यहां हैरान करने वाली बात ये है कि जो लोग आज या कल में बुकिंग करा रहे हैं, उनका नंबर एक साल के बाद लग रहा है और ऐसा ही आलम उनका भी है जो वर्तमान समय में हनुमान जी को फूल बंगला और चोला अर्पित कर रहे हैं। उन्होंने पिछले साल बुकिंग करवाई थी, तब जाकर अब उनका नंबर आया है। आपको बता दें कि इस प्राचीन मंदिर में हर मंगलवार और शनिवार को फूल बंगला सजाया जाता है, जिसके लिए यहां भारी संख्या में भक्त यहां पहुंचते हैं।
हालांकि कई भक्तों को इस भीड़ की वजह से और बुकिंग कैंसिल होने की वजह से परेशानियों का भी सामना करना पड़ता है। लेकिन फूल बंगला और चोला चढ़ाने को लेकर भक्त इतने उत्साहित रहते हैं कि वो साल साल भर अपनी पारी का इंतजार करते हैं। आपको बता दें कि यहां फूल बंगले में इस्तेमाल किये जाने वाले फूल अक्सर मोगरे, चमेली, गुलाब, गेन्दा और ऋतू के अनुसार होते हैं। इस मौके पर गर्भ गृह को भी आकर्षक तरीके से सजाया जाता है। यहां आगरा के अलावा दिल्ली, अहमदाबाद, मुंबई, लखनऊ जयपुर व विदेशों में रह रहे भक्तों ने फूल बंगले के लिए बुकिंग कर रखी है।
क्या है इस मंदिर को लेकर कथा?
हम सभी जानते हैं की श्रीराम भक्त हनुमान जी महाराज अजर अमर हैं। माता जानकी सहित प्रभु श्रीराम से भी बजरंगबली को कलयुग के अंत तक रहने का आशीर्वाद प्राप्त है। जो प्रभु श्रीराम की भक्ति करते हैं राम नाम का आशर्य लेते हैं, हनुमान जी उनके अंगसंग सहाय होते हैं। ऐसा ही एक अद्भुत चमत्कारी लीला का प्रदर्शन आज से 600 वर्ष पूर्व आगरा में हनुमान जी ने दिखाया था। मंदिर महंत गोविंद उपाध्याय के अनुसार उत्तर प्रदेश में आगर के बाय पास रोड के पास जहां मंदिर है, यहां एक सरकारी चौकी हुआ करती थी। यहां की सुरक्षा के लिए लंगड़ा चौकीदार तैनात था। वह प्रभु श्रीराम का भक्त था। एक दिन वह अपनी ड्यूटी पर नहीं था, किसी ने उससे चीड़ कर उसकी शिकायत कर दी। इस पर चौकी का कोतवाल पता करने के लिए गया तो वहीं पास में ही हो रही श्रीराम कथा में चौकीदार बैठा हुआ था। यह सब देख कोतवाल वापस लंगड़े की चौकी वाले स्थान पर आया तो वहां भी वह चौकीदार मिल गया। चौकीदार से पूछे जाने पर उसने बताया कि यहां मेरे बदले हनुमान जी ड्यूटी कर रहे थे। इस बात की पुस्टि की गई तो स्पष्ट रूप से प्रमाणित हो गया की लंगड़ा चौकीदार सही कह रहा है। इसके बाद यहां मंदिर का निर्माण कराया गया। जिसका नाम लंगड़े चौकीदार के नाम पर रखा गया।
रमन शर्मा