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महाशिवरात्रि पर वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने को तैयार है उज्जैन, 21 लाख दीयों से रोशन होगी बाबा महाकाल की नगरी

उज्जैन: बाबा महाकाल मंदिर में 18 फरवरी को धूम धाम से महाशिवरात्रि मनाने की तैयारिया पूरी हो गई है। लेकिन ये दिन बाबा महाकाल की इस पावन नगरी के लिए बेहद खास होने जा रहा है, क्योंकि यहां एकबार फिर नया कीर्तिमान बनाने की तैयारी चल रही है। इसबार ये कीर्तिमान बनाया जाएगा यहां 21 लाख दीए जलाकर। यहां 21 लाख दीपक जलाकर इतिहास रचने की तैयारी की लगभग पूरी ही हो चुकी है... जिसमें से 18 लाख दीपक सिर्फ शिप्रा नदी के किनारे पर प्रज्वलित किये जाएंगे और 3 लाख दीये दुसरी जगाहों पर प्रकाशित किये जाएंगे, जिनमें से महाकाल मंदिर में 51 हजार, मंगलनाथ मंदिर में 11 हजार दीये, काल भैरव मंदिर में 10 हजार दीपक, सिद्धवट मंदिर में 6 हजार, हरसिद्धि मंदिर में 5 हजार दीये, और चिंतामन गणेश मंदिर में 11 हजार दीपकों के साथ ही टावर चौक पर 1 लाख दीपक प्रज्वलित किये जाएंगे। इस तरह से महाशिवरात्रि पर बाबा की नगरी 21 लाख दीपको से जगमग होगी। इस कारनामे को गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड  और लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड में दर्ज करने की योजना है।

 

कैसे होगा लाखों दीयों को जलाने का काम ?

दीयों को लगाने के लिए 12 हजार स्वयंसेवक को काम दिया गया है। इसके लिए जिला पंचायत, शिक्षा विभाग, नगर निगम को जिम्मेदारी दी गई है। यह दुनिया में पहली बार होगा, जब एक शहर में एक साथ और एक समय पर 21 लाख दीपक जलाए जाएंगे। दीये लगाने में तेल, मिट्टी के दीये और बाती समेत अन्य खर्च करीब 40 लाख रुपए आएगा। करीब 1500 डिब्बे तेल लगने की संभावना जताई जा रही है। 4 लाख रुपए की बाती भी आएगी। कार्यक्रम में सभी दीपक एक साथ शाम सात बजे जलाए जाएंगे। इससे पहले सायरन बजेगा और वॉलंटियर दीपक जलाना शुरू कर देंगे।सभी दीपक करीब एक घंटे तक जलेंगे। इसके लिए स्वयंसेवकों को ट्रेनिंग दी गई है।

 

बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन, महाशिवरात्रि पर 21 लाख दीपको से जगमगाएगी और ये पूरा कार्यक्रम जीरो वेस्ट होगा। बचे हुए तेल को गौशाला और रूई को नगर निगम की कपड़ा बनाने वली यूनिट में भेज दिया जाएगा। जबकि दीपों से कलाकृति बनाई जाएगी। अगले दिन सोमवती स्नान होगा, इससे पहले ही घाटों की सफाई करके पूरे वेस्ट मेटेरियल का प्रबंध कर दिया जाएगा।

अनमोल कुमार