अयोध्या: श्रीराम मंदिर की छत ढालने से पहले बीम बनाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। बीम का काम पूरा होने के बाद अगले महीने से छत डालने का काम शुरू कर दिया जाएगा। पहले दिन गर्भगृह पर मकराना मार्बल के 8 बीम लगाए गए हैं। इससे पहले पूजन भी किया गया। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के मुताबिक छत पर लगने वाले बीम के सभी पत्थरों को राम जन्मभूमि परिसर में पहुंचाया जा चुका है। वहीं जून तक छत के कार्य को पूरा करन का लक्ष्य रखा गया है। मिली जानकारी के मुताबिक राम मंदिर निर्माण के गर्भगृह में दीवारों का कार्य पूरा हो गया है। अब छत की बीम रखने का काम शुरू हो गया। इसके बाद छत ढलाई का कार्य 10 दिन में पूरा कर लेंगे। मंदिर के चारों दिशाओं में परकोटे का काम शुरू हो चुका है। परकोटा 14 मीटर चौड़ा होगा। यह भीड़ नियंत्रण में सहायक साबित होगा। मकराना मार्बल से बने तीन द्वार से कोली मंडप में प्रवेश होगा। जहां लगभग 30 फुट की दूरी से रामलला के दिव्य दर्शन श्रद्धालु कर सकेगें। लेकिन अभी निर्माण कार्य चल रहा है। बीते दिनों चंद्रपुर से सागौन की लकड़ियों की खेप भी पहुंची हैं। अब जो जानकारी सामने आ रही है उसके मुताबिक इन लकड़ियों से राम मंदिर में दरवाजे बनेंगे। गर्भगृह की दो सर्किल अलग दरवाजे होंगे। पहला दरवाजा मूल गर्भगृह का होगा जो कि पहली सर्किल का हिस्सा है। जिसमें स्वर्ण सिंहासन के महापीठ पर रामलला विराजमान होंगे। वहीं दूसरा दरवाजा दूसरी सर्किल में होगा। गर्भगृह के पहली और दूसरी सर्किल में मकराना मार्बल के ही पत्थर लगाए गये हैं और इसके चौखट, बाजू भी संगमरमर के ही हैं। बता दें कि जनवरी 2024 में मकर संक्रांति के बाद राम मंदिर का गर्भगृह भक्तों के लिए खोल दिया जाएगा।
रजत द्विवेदी