गुवाहाटी: काशी विश्वनाथ मंदिर कॉरिडोर की तर्ज पर असम में नीलांचल पर्वत पर 51 शक्तिपीठों में सबसे पवित्र मां कामाख्या कॉरिडोर भी बनाया जाएगा। कॉरिडोर बनने पर मंदिर के आसपास की जगह 3 हजार वर्ग फुट से बढ़कर करीब 1 लाख वर्ग किमी हो जाएगी। कॉरिडोर की चौड़ाई 8-10 फुट के बजाय तकरीबन 27- 30 फुट होगी। नीलांचल पर्वत पर मां कामाख्या देवी के मंदिर के अलावा कई और भी मंदिर हैं। नीलांचल पहाड़ी के चारों ओर भगवान शिव के पांच मंदिर कामेश्वर, सिद्धेश्वर, केदारेश्वर, अमर तोकेश्वर, अघोरा और कौटिलिंग मंदिर भी हैं। इन्हीं सब को मिलाकर मां कामाख्या कॉरिडोर बनाया जाएगा। इसके बनने के बाद यहां पर्यटन की संख्या में भी बढ़ोत्तरी होगी और स्थानिय लोगों के ब्यापार में इजाफा होगा वहीं मिली जानकारी के मुताबिक इसको बनाने की कवायद तेज हो गई है। कॉरिडोर बनने के बाद यहां एक साथ लगभग 8 से 10 हजार श्रद्धालु इकठ्ठा हो सकेंगे।
बता दे कि नीलांचल पर्वत तीन भागों यानी ब्रह्मा हिल, विष्णु हिल और शिव हिल से मिलकर बना है। यहां भुवनेश्वरी मंदिर सबसे ज्यादा ऊचाई पर है। पहाड़ी के उत्तरी भाग में ब्रह्मपुत्र नदी बहती है। नीलांचल पहाड़ी में बाणदुर्गा मंदिर, जया दुर्गा मंदिर, ललिता कांता मंदिर, स्मरणकली मंदिर, गदाधर मंदिर, घंटाकर्ण मंदिर, त्रिनाथ मंदिर, शंखेश्वरी मंदिर, द्वारपाल गणेश के मंदिर जैसे कुछ अन्य मंदिर हैं। हनुमान मंदिर, पांडुनाथ मंदिर बरहा पहाड़ी में स्थित हैं।
रजत द्विवेदी