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मां अंबाजी मंदिर में स्थापित होगा दुनिया का सबसे बड़ा श्री यंत्र, जानिए कहां हो रहा है निर्माण...

गुजरात: बनासकांठा में स्थित देश के 51 शक्तिपीठ में से एक मां अंबाजी मंदिर में दुनिया का सबसे बड़ा श्री यंत्र स्थापित किया जाएगा। मिली जानकारी के मुताबिक इस श्री यंत्र का निर्माण अहमदाबाद के जय भोले ट्रस्ट की तरफ से किया जा रहा है। वहीं श्री यंत्र का निर्माण में तकरीबन एक करोड़ रुपये का खर्च आ रहा है। आप को बता दे कि अंबाजी मंदिर में देश दुनिया से काफी ज्यादा तादात में श्रद्धालु दर्शन पूजन के लिए आते है। अंबाजी मंदिर प्रदेश के प्रमुख पर्यटन स्थलों में शामिल हैं। यहां पर दुनिया का सबसे बड़ा श्री यंत्र स्थापित

होने के बाद भक्तों की संख्या में काफी बढ़त्तरी होगी और पर्यटन के लिहाज से भी महत्व पूर्ण माना जा रहा है।
अभी दुनिया का सबसे बड़ा श्री यंत्र उत्तराखंड के डोलासराम में स्थापित है जो साढ़े तीन फीट का है। अब ये श्री यंत्र दुनिया का सबसे बड़ा साढ़े चार फीट होगा। जो पांच धातुओं तांबा, पीतल, लोहा, सोना और चांदी से बनाया जा रहा है। इसको बनाने में करीब एक करोड़ रुपये की लागत आएगी। यह चार फीट लंबाई, चौड़ाई और ऊंचाई वाले इस श्री यंत्र का कुल वजन 2200 किलोग्राम होगा। ऐसी मान्यता है कि श्री यंत्र से मां अंबा माई के भक्तों को सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होगी। भक्तों के कष्ट और संकट दूर होंगे एवं श्रद्धालुओं के सुख, शांति और समृद्धि में वृद्धि होगी।  


माना जाता है कि यह मंदिर लगभग बारह सौ साल पुराना है। इस मंदिर के जीर्णोद्धार का काम 1975 से शुरू हुआ था और तब से अब तक जारी है। श्वेत संगमरमर से निर्मित यह मंदिर बेहद भव्य है। मंदिर का शिखर एक सौ तीन फुट ऊंचा है। शिखर पर करीब 300 से अधिक स्वर्ण कलश सुसज्जित हैं।   


नवरात्रि में यहां का वातावरण आकर्षक और शक्तिमय रहता है। नौ दिनों तक चलने वाले नवरात्रि पर्व में श्रद्धालु बड़ी संख्या में यहां माता के दर्शन के लिए आते हैं। उस समय मंदिर प्रांगण में गरबा करके शक्ति की आराधना की जाती है। समूचे गुजरात से कृषक अपने परिवार के सदस्यों के साथ मां के दर्शन के लिए एकत्रित होते हैं। व्यापक स्तर पर मनाए जाने वाले इस समारोह में ‘भवई’ और ‘गरबा’ जैसे नृत्यों का आयोजन किया जाता है।


रजत द्विवेदी