Sanskar
Related News

केरला का दुर्योधन मंदिर, जिसका रहस्य जुड़ा है पांडवों के अज्ञातवास से...

भारत मंदिरों का देश हैं, यहां सैकड़ों हजारों की तादात में मंदिर मौजूद हैं और हर सनतनी की आस्था इनमें बसती है... लेकिन क्या आप जानते हैं कि, महाभारत के खलनायक कहे जाने वाले दुर्योधन का भी मंदिर भी भारत में है... दुर्योधन को महाभारत में खलनायक के रूप में ही जाना जाता है। उसको अपने पांडव भाइयों से छल करने वाला, भाभी द्रौपदी को अपमानित करने वाला, संस्कारहीन, कुटिल जैसे अनेक दुर्गुणों वाले व्यक्ति के तौर पर भी देखा जाता है। इसके बावजूद भी केरल में दुर्योधन के मंदिर है, जहां पर उसकी पूजा होती है। दरअसल यहां के लोग दुर्योधन के कुछ अच्छे गुणों से प्रभवित हुए और मंदिर बनाकर पूजा करने लगे।

केरल के कोल्लम में है पोरुवझी पेरुवथी मलनाड दुर्योधन मंदिर

केरल के कोल्लम में स्थित है पोरुवझी पेरुवथी मलनाड दुर्योधन मंदिर। इस मंदिर में एक बड़ा सा चबूतरा है, जिसकी पूजा की जाती है, मलनाड मंदिर में कोई गर्भ गृह नहीं हैं, सबसे रोचक बात यह है कि इस मंदिर में दुर्योधन की कोई मूर्ति नहीं है। यहां दुर्योधन को अप्पोपम के नाम से पुकारते हैं। लोगों का मानना है कि अप्पोपम उनकी संकटों से रक्षा करते हैं।

शराब, पान, चिकन का लगता है भोग

इस मंदिर में दुर्योधन को पूजा में तोड्डी चढ़ाई जाती है, जो नारियल के मीठे पानी से बना होता है। यहां पर आने वाले भक्त दुर्योधन को तोड्डी के अलावा तामसिक भोजन भी चढ़ाते हैं।

जैसे हर मंदिर को बनाये जाने पीछे एक कहानी है वैसे ही दुर्योधन के इस मंदिर को बनाने के पीछे भी एक दिलचस्प कहानी है।

ऐसा माना जाता है, कि पांडवों के अज्ञातवास के समय दुर्योधन उनको खोजते हुए यहां पहुंचे थे। इस दौरान दुर्योधन को काफी प्यास लगी थी, तब उसने पानी मांगा तो उसे वहां मौजूद एक महिला ने पानी के बदले तोड्डी पिलाई, जिससे वह काफी खुश हो गया। फिर उसने गांव की खुशहाली के लिए एक पहाड़ पर बैठकर भगवान शिव की पूजा की और ग्रामीणों को खेती करने के लिए जमीन भी दी।

पौराणिक कथाओं के अनुसार दुर्योधन ने जहां पर बैठकर भगवान शिव की साधना की थी, उसी स्थान पर उसका यह मंदिर बनाया गया। इस मंदिर के पुजारी कुरवा समुदाय के होते हैं, दरअसल इस समुदाय की महिला ने ही दुर्योधन को तोड्डी पिलाई थी। लेकिन मंदिर समिति में सभी समुदाय के सदस्य होते हैं, हालांकि उनको चुनते कुरवा समुदाय के लोग ही हैं। य​​ह मंदिर दर्शन के लिए 24 घंटे खुला रहता है। बता दें कि, केरल के अलावा उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के जखोर में भी दुर्योधन का मंदिर है।

अहरार