जम्मू में भक्तों के लिए खोल दिये गए हैं भगवान वेंकटेश्वर के मंदिर के द्वार । यह देश का दूसरा तिरुपति बालाजी मंदिर है । आइये जानते हैं इस मंदिर के बारे में....
आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले में तिरुमला पर्वत पर स्थित तिरुपति बालाजी मंदिर अपने चमत्कारों व रहस्यों की वजह से न सिर्फ भारत में बल्कि पूरे विश्व में जाना जाता है। यह मंदिर भारत के सबसे प्रमुख व पवित्र तीर्थ स्थलों में से एक है । इसकी एक और विशेषता है कि यह भारत के सबसे अमीर मंदिरों में से एक है। इस मंदिर के मुख्य देवता श्री वेंकटेश्वर स्वामी है, जो स्वयं भगवान विष्णु के अवतार माने जाते हैं और तिरुमाला पर्वत पर अपनी पत्नी पद्मावती के साथ निवास करते हैं।
जम्मू में भक्तों के लिए खुला मंदिर
पहले तिरुपति बालाजी के दर्शन के लिए भक्त सिर्फ आंध्र प्रदेश ही जाते थे लेकिन अब दर्शन हर राज्य में किया जा सकेगा । इसकी शुरुआत धरती का स्वर्ग कहे जाने वाले राज्य जम्मू-कश्मीर के जम्मू शहर से हो चुकी है। यहां एक नया मंदिर बनकर तैयार हो गया है। इसके बाद हैदराबाद, दिल्ली, कन्याकुमारी, भुवनेश्वर, मुंबई और रायपुर के बाद अहमदाबाद में भी इसी तरह के मंदिरों का निर्माण किया जाएगा।
आकर्षक हैं नक्काशी व कलाकृतियां
जम्मू में बने तिरुपति बालाजी मंदिर को बिल्कुल आंध्र प्रदेश के भगवान वेंकटेश्वर मंदिर का रूप दिया गया है। मंदिर दर्शन के लिए देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं को यही महसूस होगा कि वे तिरुपति में विराजमान भगवान वेंकटेश्वर के भव्य मंदिर में दर्शन कर रहे हैं। मंदिर को बिल्कुल उसी की तर्ज पर आकार दिया गया है । यहां तमिलनाडु व आंध्र प्रदेश के कलाकारों ने नक्काशी की है जो देखने लायक है। मंदिर निर्माण 50 से अधिक कारीगरों ने किया है। मंदिर में इस्तेमाल होने वाला पत्थर भी कर्नाटक व आंध्र प्रदेश से ही लाया गया ।
आंध्र प्रदेश से लाई गईं भव्य मूर्तियां
मूल मंदिर की दिव्यता को ध्यान में रखते हुए यहां स्थापित की गई भगवान वेंकटेश्वर की मूर्ति विशेष तौर पर आंध्र प्रदेश से लाई गई है । तिरुपति बालाजी का मंदिर जम्मू के सिद्दड़ा के मजीन गांव में 62 एकड़ भूमि पर 32 करोड़ रुपए की लागत से तैयार किया गया है। जहां मंदिर के अलावा पुजारियों व बोर्ड स्टाफ के लिए आवास भी बनाए गए हैं। शौचालयों का निर्माण हुआ है, सड़क व पार्किंग स्थल भी बनाए गए हैं । इसके साथ ही मंदिर परिसर में संस्कृत विद्यालय और लाइब्रेरी भी है।बोर्ड ने यह भूमि 40 साल की लीज पर ली है। निर्माण तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम बोर्ड ने कराया है ।
ग्रेनाइट से बनी है भगवान वेंकेटेश्वर की मूर्ति
मंदिर के मुख्य गर्भ गृह में 8 फुट ऊंची भगवान वेंकेटेश्वर की मूर्ति प्रतिष्ठापित की गई है। मूर्ति के निर्माण में ग्रेनाइट का इस्तेमाल किया गया है। गर्भ गृह के बाहर भी छह फुट की भगवान वेंकटेश्वर की मूर्ति को स्थापित किया गया है। ये सभी मूर्तियां आंध्र प्रदेश के गुंटूर शहर से लाई गई हैं।
उप-राज्यपाल ने किया उद्घाटन
2 साल में बनकर तैयार हुए इस तिरुपति बालाजी मंदिर के कपाट भक्तों के लिए 8 जून से खोल दिए गए हैं। जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल ने मंदिर का उद्घाटन किया। इस दौरान कई गणमान्य लोग व अन्य प्रशासनिक अधिकारी भी मौजूद रहे। जम्मू में तिरुपति बालाजी मंदिर को आस्था के साथ-साथ एक आध्यात्मिक केंद्र के तौर पर विकसित किया गया है। इससे धार्मिक पर्यटन को तो बढ़ावा मिलेगा ही, स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिल सकेगा।
आप भी अब मां वैष्णो देवी के दर्शन करने जाएं तो जम्मू में तिरुपति बालाजी के दर्शन का भी अवसर प्राप्त कर सकते हैं।
अहरार