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महाकुंभ 2025 से पहले प्रयागराज को मिलेगा रोप-वे का उपहार

महाकुंभ 2025 को लेकर प्रयागराज में चौतरफा विकास कार्य किए जा रहे है। इसी को ध्यान में रखते हुए संगम क्षेत्र में रोप-वे का निर्माण कराया जाएगा जिसको कुंभ मेले से पहले पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। आइए, विस्तार से जानते हैं।

  

जल्द शुरू होगा रोप-वे निर्माण- 

प्रयागराज में कुंभ मेले को ध्यान में रखते हुए विकसित की जा रही सुविधाओं में रोप-वे का निर्माण भी महत्वपूर्ण है जिसे संगम क्षेत्र से लेकर अरैल तक बनाया जाना है । इस कार्य में करीब 100 करोड़ रुपये से भी अधिक का खर्च किया जाएगा। वैसे, प्रयागराज में लगने वाले 2025 के महाकुंभ में लगभग 2500 हजार करोंड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।

DPR के लिए बजट जारी-

इसके लिए स्थलीय निरीक्षण का काम तेजी से किया जा रहा है और डीपीआर बनाने के लिए लगभग 50 लाख रुपये का बजट जारी किया जा चुका है। NHLML यानी नेशनल हाईवेज लाजिस्टिक मैनेजमेंट लिमिटेड को रोप-वे बनाने का जिम्मा दिया गया है। प्रस्तावित रोप-वे की दूरी दो किलोमीटर से अधिक होगी और इसके लिए 5 पिलर बनाए जाने हैं।

रोप-वे के रूट में बदलाव-

इसका निर्माण शंकर विमान मंडपम के बजाय अब परेड मैदान में पीडब्ल्यूडी के स्टोर रूम के पास से त्रिवेणी पुष्प अरैल तक निर्माण किया जाएगा। शंकर विमान मंडपम से स्थान बदलने का मुख्य कारण किले के नजदीक होना बताया जा रहा है। मिली जानकारी के मुताबिक रोप-वे के निर्माण स्थल में कुछ और बदलाव भी किए जा सकते है क्योंकि सारा जोर सुरक्षा पर दिया जा रहै है। अब, जल्द ही अन्य सम्बंधित विभागों से एनओसी लेकर रोप-वे का निर्माण शुरू किया जाएगा।

कुछ मिनटों का होगा सफर-

रोप-वे का निर्माण होने से प्रयागराज के संगम क्षेत्र से नैनी के अरैल तक का सफर महज कुछ मिनटों में पूरा हो जाएगा। वर्तमान में संगम क्षेत्र से अरैल की ओर वाहन से जाने में आधे घंटे से भी अधिक का समय लगता है। रोप-वे बनने से अरैल की तरफ से मेला क्षेत्र में आने वाले श्रद्धालुओं को काफी राहत मिलेगी । 

महाकुंभ से पहले बनेंगे 7 पक्के घाट-

इस बार महाकुंभ में गंगा और यमुना के पक्के घाटों में भक्तों को आस्था की डुबकी लगाने का पहली बार अवसर मिलेगा। यही नहीं पक्के घाटों पर यज्ञशाला और मेडिटेशन सेंटर भी बनाया जाएगा। महाकुंभ 2025 में संभावित श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को सुलभ स्नान कराने के लिए 7 पक्के घाट बनाये जाएंगे जिसमे गंगा नदी में 3 और यमुना नदी में 4 घाट शामिल हैं। ये सभी घाट वाराणसी के गंगा घाटों की श्रृंखला की तरह बनाए जाएंगे। 

मकर संक्राति से शुरू होगा महाकुंभ-

कुंभ दुनिया भर के लाखों हिंदू तीर्थयात्रियों द्वारा मनाया जाने वाला सबसे बड़ा धार्मिक समागम है। महाकुंभ 14 जनवरी 2025 को मकर संक्रांति से शुरू होगा और 26 फरवरी 2025 को महा शिवरात्रि के साथ समाप्त होगा। मकर संक्रांति, मौनी अमावस्या, बसंत पंचमी और महा शिवरात्रि के विशेष अवसर पर शाही स्नान की तिथियां पड़ेंगी। 

रजत द्विवेदी