कभी सफलता...कभी विफलता...कभी मान तो कभी सम्मान... कभी सुख तो कभी दुख.... जीवन के कई रंगों को अपने आप में समेटे साल 2023 अब विदा हो रहा है । इस साल भारत ने विश्व पटल पर खेल, विज्ञान और कूटनीति के क्षेत्र में अपने प्रयासों से अमिट छाप छोड़ी तो वहीं धर्म-आध्यात्म से जुड़ी कई महत्वपूर्ण पड़ावों के भी हम साक्षी बने । कई ऐसे कार्यों की नींव पड़ी और कई ऐसे कार्य हो रहे हैं जो कालजयी सिद्ध होंगे । हालांकि इस बीच हमने कुछ ऐसे संत-मनीषियों और विचारकों को खो दिया जिनका भारतीय समाज में चेतना जगाने को लेकर विशिष्ट योगदान रहा । तो आइए आपको 2023 की महत्वपूर्ण ऐतिहासिक, सामाजिक और आध्यात्मिक जगत की घटनाओं के बारे में बताते हैं ।
नवनिर्माण
1. शिव की नगरी काशी से 12 किलोमीटर दूर उमराहा में 18 दिसम्बर को 7 मंजिला स्वर्वेद महामंदिर का लोकार्पण प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा किया गया। यहां 20 हजार लोग एक साथ ध्यान और योग कर सकते हैं। गुलाबी पत्थर से बने इस मंदिर की दीवारों पर 3137 श्लोकों को उकेरा गया है । भवन 125 पंखुड़ियों वाले कमल के गुंबद से सुसज्जित है । यह मंदिर महर्षि सदाफल देव जी की शिक्षाओं और उनके उपदेशों का प्रतीक है.
2. इस साल 8 अक्टूबर को अमेरिका के न्यू जर्सी में सबसे बड़े हिंदू मंदिर बीएपीएस स्वामीनारायण अक्षरधाम मंदिर का उद्घाटन किया गया। मंदिर के आधार स्तंभ पर भगवान श्रीकृष्ण और प्रभु श्रीराम के जीवन प्रसंगों को उकेरा गया है। मंदिर को प्राचीन भारतीय कला, वास्तु और संस्कृति को ध्यान में रखकर डिजाइन किया गया है जिसमें 10,000 मूर्तियों के साथ ही दीवारों पर भारतीय वाद्ययंत्र और नृत्य मुद्राएं उकेरी गई हैं ।
3. इसी वर्ष भारत को नया संसद भवन भी मिला जिसका उद्घाटन 28 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया । नई संसद में राजदंड सेंगोल को भी स्थापित किया गया जिसे सत्ता हस्तांतरण का प्रतीक माना जाता है। इसे गुप्त, चोल और विजय नगर साम्राज्य के शासनकाल में भी प्रयोग किया जाता था। 1947 में स्वतंत्रता मिलने के समय अंग्रेजों द्वारा जवाहरलाल नेहरू को दिए गए सेंगोल को ही नए संसद भवन में स्थापित किया गया है ।
4. मध्य प्रदेश के ओंकारेश्वर में 21 सितम्बर को ओंकार पर्वत पर आदिगुरु शंकराचार्य की 108 फीट ऊंची भव्य प्रतिमा का अनावरण किया गया। एकात्मकता की प्रतीक इस प्रतिमा को "स्टैच्यू ऑफ वननेस" का नाम दिया गया है। ओंकारेश्वर, आदिगुरु शंकराचार्य की ज्ञान भूमि और गुरु भूमि रही है। यहीं उनको अपने गुरु गोविंद भगवत्पाद मिले और यहीं चार वर्ष रहकर उन्होंने शिक्षा-दीक्षा प्राप्त की ।
5. अमरनाथ यात्रा को सुगम बनाने के लिए इस वर्ष जून के महीने से सड़क मार्ग का निर्माण कार्य शुरु किया गया है। सीमा सड़क संगठन द्वारा मध्य कश्मीर के गांदरबल जिले में बालटाल बेस कैंप के जरिए 3,888 मीटर की ऊंचाई पर स्थित डुमैल से अमरनाथ गुफा तक सड़क को चौड़ा किया जा रहा है। साल 2024 के आखिर तक इसके बन जाने की उम्मीद है। इस मार्ग के बन जाने से चंद घंटों में ही 3 दिन की अमरनाथ यात्रा पूरी होगी।
6. इस साल गोवा को पहले बिड़ला मंदिर की सौगात भी मिली। गोवा के डैबोलिम में स्थित राधाकृष्ण के इस मंदिर को बनने में 22 महीने का समय लगा है । मंदिर का उद्घाटन शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती और सूबे के मुख्यमंत्री के द्वारा किया गया। यह मंदिर स्थापत्य, सौन्दर्य और कला का अद्भुत नमूना है।देश में 31 से अधिक मंदिर हैं जो बिरला मंदिर के नाम से जाने जाते हैं । पहला मंदिर दिल्ली में लक्ष्मी नारायण मंदिर है.
7. इस बार माता वैष्णों देवी के भक्तों के लिए स्काई वॉक की सुविधा शुरु हुई जिसका उद्घाटन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 12 अक्टूबर को किया । सतह से 20 फीट ऊपर बने 300 मीटर लंबे स्काईवॉक के जरिए श्रद्धालु पवित्र गुफा तक पहुंचेंगे और दर्शन के बाद निकासी पुराने रास्ते से होगी। इसका नाम नवदुर्गा पथ रखा गया है। भवन पर भीड़-भाड़ और भगदड़ जैसी आपात स्थिति से निपटने के लिए भी ये लाभदायक सिद्ध होगा ।
नये रिकॉर्ड
इस तरह देश भर में तीर्थ स्थान एक नया और अलौकिक रूप पा रहे हैं । इससे तीर्थाटन और पर्यटन दोनों को बढ़ावा मिल रहा है। इन प्रयासों का असर भी हुआ है और इस साल कुछ नये रिकॉर्ड भी बने हैं।
- साल 2023 में उत्तराखंड के चारधाम यानी गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ और बदरीनाथ धाम में रिकॉर्ड संख्या में तीर्थयात्री पहुंचे। चार धाम यात्रा के इतिहास में पहली बार 56 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने दर्शन-पूजन किए। 22 अप्रैल से 18 नवंबर तक चली चारधाम यात्रा के लिए लगभग 75 लाख तीर्थयात्रियों ने पंजीकरण करवाया था।
- इस बार काशी की देव दीपावली पूरे विश्व में आकर्षण का केन्द्र बनी। गंगा किनारे बने अर्धचंद्राकार 85 घाटों को 12 लाख दीपों से रोशन किया गया जिसमें गाय के गोबर से बने 1 लाख दीप भी शामिल थे । इस अनूठे आयोजन में 70 देशों के राजदूत भी शामिल हुए। मान्यता है कि इस दिन देवता काशी पधारते हैं ।
- रामनगरी अयोध्या में दीपोत्सव इस बार भी दिव्य और भव्य रहा। दीपावली से एक दिन पहले हुए आयोजन में राम की पैड़ी पर एक साथ 22 लाख 23 हजार दीपों को प्रज्जवलित करने से रामनगरी का नाम एक बार फिर गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज हुआ । आयोजन में प्रदेश के राज्यपाल और मुख्यमंत्री के साथ 52 देशों के राजदूत भी शामिल हुए।
संयोग
आस्था के केंद्रों में बने नये रिकॉर्ड के साथ इस बार एक ऐसा संयोग भी बना, जो हिंदू धर्म और आध्यात्म की दृष्टि से बहुत ही पावन और पुण्य फलदायी था।
- साल 2023 में अधिकमास या पुरुषोत्तम मास लगने के कारण सावन एक नहीं बल्कि दो महीने तक चला। सावन का महीना 4 जुलाई से शुरू हुआ और इसका समापन 31 अगस्त को हुआ। करीब 19 साल बाद बने इस दुर्लभ संयोग से मंदिरों में शिव जी के साथ-साथ विष्णु जी की भी पूजा-अर्चना हुई ।
उपलब्धियां
जाते हुए साल में कुछ उपलब्धियां ऐसी रहीं जिनसे हमारा सीना गर्व से चौड़ा हो गया । हर भारतीय को फ़ख़्र है कि वो उस देश का वासी है जो कभी विश्वगुरु था और जिसमें माद्दा है फिर से यह तमगा हासिल करने का । वाकई, भविष्य में 2023 को हमेशा याद रखा जाएगा।
- भारत के लिए यह साल वैज्ञानिक दृष्टि से भी ऐतिहासिक रहा। 23 अगस्त को भारत ने अपने चंद्र मिशन चंद्रयान-3 को सफलतापूर्वक चांद की सतह पर उतारकर इतिहास रच दिया। इसके साथ ही भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने वाला विश्व का पहला देश बन गया। इतना ही नहीं इसके कुछ समय बाद यानी 2 सितंबर को "इसरो" ने अपने पहले सूर्य मिशन आदित्य एल-1 को भी सफलतापूर्वक लॉन्च कर दिया ।
2. इसी साल भारत ने पहली बार जी-20 शिखर सम्मेलन की सफलतापूर्वक मेजबानी भी की । भारत ने जी-20 की थीम "वसुधैव कुटुंबकम के तहत वन अर्थ, वन फैमली, वन फ्यूचर" यानी एक धरती, एक परिवार, एक भविष्य के माध्यम से पूरे विश्व को एक परिवार की तरह मानने और एकजुट होकर कार्य करने की प्रेरणा दी। सम्मेलन में दुनियाभर के दिग्गज नेताओं ने हिस्सा लिया ।
3. परम श्रद्धेय आचार्य श्री बालकृष्ण जी ने पतंजलि और नेहरू पर्वतारोहण संस्थान की टीम के साथ गौमुख से ऊपर अति दुर्गम क्षेत्र में तीन शिखरों पर आरोहण कर एक और इतिहास रचा है। सनातन संस्कृति के अनुरूप इनमें सबसे ऊंची चोटी का नाम राष्ट्रऋषि, दूसरी चोटी का नाम योगऋषि और तीसरी चोटी का नाम आयुर्वेद ऋषि रखा गया है। इसके साथ ही करीब पांच सौ दुर्लभ जड़ी-बूटियों की पहचान की गई जिन पर अनुसंधान किया जाएगा। ये कार्य 10 से 25 सितम्बर 2023 तक किया गया।
4. परम पूज्य योगर्षि स्वामी रामदेव जी ने 30 मार्च को अपने 29वें संन्यास दिवस पर नया इतिहास रचते हुए अष्टाध्यायी, महाभाष्य व्याकरण, वेद, वेदांग, उपनिषद में दीक्षित सौ से भी ज्यादा विद्वान् एवं विदुषी संन्यासियों को राष्ट्र को समर्पित किया। इस अवसर पर आरएसएस प्रमुख पूज्य मोहन भागवत ने कहा कि यह रामराज्य की स्थापना, ऋषि परम्परा तथा भावी आध्यात्मिक भारत के स्वप्न को साकार करने जैसा है।
गोलोक गमन
इस वर्ष दुर्भाग्य से कुछ संत, महात्मा, मनीषी और सनातन विचारक हमें छोड़कर गोलोक प्रस्थान कर गए । ऐसे सभी श्रेष्ठजनों को संस्कार टीवी, सत्संग टीवी, और शुभ टीवी की ओर से शत-शत नमन। वे सशरीर हमारे बीच भले ही नहीं हैं लेकिन उनके विचार हमारा मार्गदर्शन करते रहेंगे।
1. अनुपम मिशन से जुड़े पूज्य श्री शांति भाई जी का शरीर पंचतत्व में विलीन होना समाज के लिए एक अपूर्णीय क्षति रही । 29 जनवरी 2023 को उनका गोलोक गमन हो गया। पूज्य शांति भाई नें अपने पूरे जीवन काल में मानव सेवा की ।
2. इसी वर्ष 30 सितंबर को पतंजलि योगपीठ परिवार के अभिभावक और एक महत्वपूर्ण स्तंभ रहे पूज्य बाबू भूपेंद्र सिंह मनहास जी का निधन मुंबई में हो गया । सेवा धर्म और मानवता को प्रामाणिकता के साथ जीने वाले मनहास जी को पूरे पतंजलि परिवार ने भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की ।
साल 2023 में हुए नवनिर्माण, उपलब्धियां और नये रिकॉर्ड्स हमें निरंतर आगे बढ़ने की प्रेरणा दे रहे हैं । अब हमारे सामने है नया-नवेला साल 2024 ...आशा है कि आगे भी यही क्रम जारी रहेगा क्योंकि जन आकांक्षाओं के अनुरूप देश के हर कोने में, हर क्षेत्र में आध्यात्मिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक विकास की असीम संभावनाएं हैं । हम कामना करते हैं कि नया साल आप सभी के जीवन में नया उल्लास लेकर आए। आपको संस्कार, सत्संग और शुभ टीवी की ओर से अंग्रेजी नववर्ष 2024 की बधाई और असीम शुभकामनाएं।
:- रणजीत कुमार