मां पार्वती की तपोस्थली कुदरगढ़ धाम, जहां माता ने किया राक्षसों का संहार
छत्तीसगढ़ के प्राचीन कुदरगढ़ धाम का इतिहास काफी रोचक और मान्यताओं से भरा है। ये मां पार्वती की तपोस्थली है मान्यता है कि यहां मां भगवती ने शक्ति का रूप धारणकर राक्षसों का संहार किया था और बागेश्वरी रूप में प्रकट हो गईं। यहां माता की मूर्ति वट वृक्ष के नीचे मौजूद है। इसको लेकर जानकार बताते हैं कि राजा बालंद मां बागेश्वरी के भक्त थे राजा ने कुदरगढ़ धाम में माता बागेश्वरी की स्थापना की तो इसके बाद कुछ चोर माता की मूर्ती को चोरी कर उठा ले गए। इसी दौरान चोरों ने मूर्ति को कुछ दूर ले जाकर वट वृक्ष के नीचे रख दिया।
इसके बाद वे उस मूर्ति को उठा नहीं पाएं। तभी से वट वृक्ष के नीचे ही माता की मूर्ति स्थापित है। 18वीं सदी में राजपूत राजाओं ने छत्तीसगढ़ के मूल आदिवासी बैगा जनजाति को माता के देख-रेख और पूजा की जिम्मेदारी सौंपी थी। तब से आज तक बैगा समुदाय के लोग ही माता कि पूजा करते है।