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अयोध्या म्यूजियम में रखा जाएगा रामलला का टेंट और सिंहासन

अयोध्या में नवनिर्मित भव्य श्रीराम मंदिर में विराजमान होने से पहले प्रभु श्रीराम जिस अस्थायी तंबू में सिंहासन पर विराजमान थे। उस तंबू और सिंहासन को स्मारक के रूप में सुरक्षित रखा जाएगा। ये फैसला राम मंदिर निर्माण समिति की बैठक में लिया गया। ट्रस्ट का उद्देश्य इन स्मृतियों के माध्यम से भक्तों को राम मंदिर के लिए दशकों तक चले लंबे संघर्ष की कहानी बताना और आने वाली पीढ़ियों के लिए संरक्षित करना है। जिससे राम भक्त इस तरह के कदम उठा सकें की ऐसी स्थिति फिर से ना आए।

 

नवनिर्मित मंदिर में विराजमान होने से पहले रामलला 1949 से अस्थायी तंबू में विरामजान थे और भक्त यहीं आकर प्रभु श्रीराम के दर्शन और पूजन किया करते थे।

 

अयोध्या श्रीराम मंदिर का निर्माण कार्य अंतिम चरण में है जिसका दिसंबर 2025 तक पूरा होने का लक्ष्य रखा गया है। 30 मई तक सभी मंदिरों में मूर्तियां के साथ ही प्रथम तल पर राम दरबार भी स्थापित कर दी जाएंगी और फिर मंदिर परिसर में 3 से 5 मई तक सामूहिक प्राण प्रतिष्ठा समारोह आयोजित होगा। जिसके बाद राम दरबार और सभी मंदिरो में भक्त दर्शन कर सकेंगे।