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क्या है प्रयागराज के नागवासुकी मंदिर की महिमा ?

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में दारागंज के उत्तरी कोने पर प्राचीन नागवासुकी मंदिर स्थित है। नाग पंचमी के अवसर पर दूर-दूर से श्रद्धालु यहाँ दर्शन पूजन के लिए आते हैं। पौराणिक कथाओं के अनुसार, समुद्र मंथन में देवताओं और असुरों ने नाग-वासुकी को सुमेरु पर्वत में लपेटकर उनका प्रयोग रस्सी के तौर पर किया था। वहीं, समुद्र मंथन के बाद नागराज वासुकी पूरी तरह लहूलुहान हो गए थे और भगवान विष्णु के कहने पर उन्होंने प्रयागराज में इसी जगह आराम किया था।

 

इसी वजह से इसे नाग-वासुकी मंदिर कहा जाता है। जो भी श्रद्धालु सावन मास में नाग-वासुकी का दर्शन पूजन करते हैं, उनकी सारी बाधाएं दूर हो जाती हैं। इसके साथ ही कालसर्प दोष से भी यहाँ मुक्ति मिलती है। नाग पंचमी पर यहाँ पूजन करने से बारह नागों की पूजा का फल प्राप्त होता है। इस वर्ष नाग पंचमी 29 जुलाई, दिन मंगलवार को मनाई जाएगी।