भगवान शिव का एक ऐसा मंदिर जहाँ गर्भगृह के अंदर जाना मना है। जीहां, भगवान शिव की नगरी काशी के इस अनूठे और रहस्यमयी मंदिर का नाम है पितामहेश्वर। ये मंदिर भगवान शिव के पिता, यानि परम पिता महेश्वर महादेव को समर्पित है और स्कंद पुराण के काशी खंड में इसका विस्तार से वर्णन मिलता है। यहां एक स्वयंभू शिवलिंग है जो जमीन से 40 फीट नीचे एक गुप्त कक्ष में स्थित है। मंदिर का रास्ता तीन फीट की गुफानुमा पतली गली से होकर गुजरता है। ये मंदिर सिर्फ विशेष अवसरों पर ही खुलता है।
मंदिर के कपाट भगवान शिव के प्रिय मास सावन में भी नहीं खुलते। महाशिवरात्रि, रंगभरी एकादशी और कुछ अन्य विशेष पर्वों पर ही मंदिर दर्शनार्थियों के लिए खोला जाता है। भक्त सुरंग जैसे संकरे छेद से नीचे झांकते हैं और दर्शन करते हैं और उसी के माध्यम से जलाभिषेक भी करते हैं। काशी खंड के अनुसार भगवान शिव के काशी आगमन के पश्चात, काशी के सिद्धेश्वरी पीठ के निकट पितामहेश्वर नामक शिवलिंग है। परमपिता ब्रह्मा की तपस्या से भगवान शिव यहाँ प्रकट हुए थे और उन्होंने पितामहेश्वर के रूप में भक्तों का कल्याण करने का आशीर्वाद दिया था।