क्या आप जानते हैं कि हर बार सप्ताह के वार के अनुसार नवरात्र में माता दुर्गा का वाहन बदलता है ? माता के पहले नवरात्र से इस वाहन के द्वारा ही आने वाले समय का अनुमान लगाया जाता है। इस बार शारदीय नवरात्र 22 सितंबर से शुरू हो रहे हैं और 1 अक्टूबर को महानवमी पर समापन होगा। इस बार मां दुर्गा हाथी पर सवार होकर आ रही हैं, जो अत्यंत शुभ माना जाता है। ये सुख-समृद्धि और धन-धान्य का प्रतीक है। हाथी पर मां का आगमन देश में अच्छी बारिश, फसलों में वृद्धि, शांति, खुशहाली और धन-संपन्नता का संकेत देता है। आपको बता दें कि एक तिथि की दो बार वृद्धि होने से पूरे नौ दिन तक ये त्यौहार मनाया जाएगा और दसवें दिन महानवमी का पूजन होगा।
आइये अब जानते हैं कि श्रीमद्देवीभागवत पुराण और मार्कंडेय पुराण के अनुसार नवरात्र में देवी का वाहन किस बात का सूचक होता है ? नवरात्र का पहला दिन यदि रविवार या सोमवार से शुरू हो रहा है तो माता का आगमन हाथी पर होता है जो कि अत्यंत शुभकारी है। मंगलवार या शनिवार का दिन - घोड़े पर माता के आगमन को दर्शाता है, जो- युद्ध और राजनीतिक उथल-पुथल का सूचक है। बुधवार के दिन माता का आगमन नाव पर होता है जो - मनोकामनाओं की पूर्ति, सफलता और कष्टों के निवारण का सूचक माना गया है। गुरुवार या शुक्रवार के दिन - माता पालकी में सवार होती हैं जो बीमारी व महामारी और आर्थिक मंदी का संकेत होता है।