क्या आप जानते हैं कि माँ भगवती के नौ स्वरुप नवग्रह की दशा भी सही करते हैं और ये नौ देवियां रत्नों की भी स्वामिनी हैं। हर देवी का संबंध एक ग्रह से है। जिस ग्रह की दशा जन्मकुंडली में सही ना हो उस देवी की पूजा से आप अपना ग्रह सही कर सकते हैं। जब हम इन देवियों की नवरात्रि के दौरान पूजा करते हैं तो उस देवी से संबंधित ग्रह दोष भी शांत हो जाते हैं और पुण्य फल मिलने लगते हैं।
जैसे - पहली हैं माता शैलपुत्री- जो मंगल ग्रह की स्वामिनी हैं और इनका रत्न है लाल मूंगा। दूसरी माँ ब्रह्मचारिणी हैं- ये राहु ग्रह की दशा को सही करती हैं, इनका रत्न है गोमेद। तीसरी माता चंद्रघंटा चंद्र ग्रह को शांत करती हैं जिनका रत्न मोती है । चौथी हैं माँ कुष्मांडा- इनका संबंध केतु ग्रह से है और रत्न है लहसुनिया। पांचवी देवी हैं स्कंदमाता- ये सूर्य ग्रह की स्वामिनी हैं और रत्न है माणिक्य। छठवीं हैं माँ कात्यायनी - ये बुध ग्रह की दशा को सही करती हैं और इनका रत्न पन्ना है। सातवीं माता कालरात्रि काल को हरने वाले शनि ग्रह की अधिष्ठात्री देवी हैं जिनका रत्न नीलम है। आठवीं हैं माता महागौरी - ये अत्यंत सौम्य हैं और बृहस्पति ग्रह की देवी हैं जिनका रत्न है पुखराज। और नौवीं देवी माँ सिद्धिदात्री हैं जो धन-धान्य की प्रतीक हैं और शुक्र ग्रह की स्वामिनी हैं । इनकी चमकदार ऊर्जा जैसा ही इनका रत्न है हीरा।