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कौन हैं माँ आदिशक्ति ?

आदिशक्ति दो शब्दों के मेल से बना एक यौगिक शब्द है जिसमें आदि का अर्थ है शुरुआत और शक्ति का अर्थ है बल। इस प्रकार आदिशक्ति का अर्थ है, वो देवी जो इस ब्रह्मांड की शुरुआत थीं और जो इस ब्रह्मांड में मौजूद सभी ऊर्जाओं का प्रतिनिधित्व करती हैं। सृष्टि के प्रारम्भ में माँ परमेश्वरी ने जगत के कल्याण और संसार की रचना के लिए अपने आपको तीन भागों में विभाजित किया था। यानी अपनी देह में से तीन दिव्य देह प्रकट की थीं जिसमें परमपिता ब्रह्मा के अंश से वीणा बजाती ब्रह्माणी अर्थात माँ सरस्वती प्रकट हुईं। पालनकर्ता श्रीहरि के अंश से शंख नाद के साथ माँ लक्ष्मी का प्राकट्य हुआ और संहार के देवता महादेव के अंश से शक्ति स्वरूपा माँ पार्वती का अवतरण हुआ,  जो असुरों का नाश करने के लिए अट्हास और चिंघाड़ मार माँ काली के रूप में प्रकट हुईं।

 

इस प्रकार ये त्रिदेवियाँ, त्रिदेव के अंश से प्रकट होकर उनकी अर्धांगिन बन गईं और एक नई लीला को जन्म देकर आदिशक्ति के रूप में प्रतिश्ठित हुईं। यही तीनों अपने एकाकार स्वरुप में अखिल ब्रह्माण्ड की शक्ति सिंह सवार माँ दुर्गा आदिशक्ति हैं। इसलिए कहा गया है कि…

ब्रह्मा विष्णु शिव सभी धरें दाती का ध्यान, शक्ति से शक्ति का ये मांगे सब वरदान

अम्बे आद्य भवानी का यश गावे संसार, आदिशक्ति माँ भगवती भरती सदा भंडार