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अयोध्या जी एक बार फिर दस हजार अतिथियों का स्वागत-सत्कार करने के लिए तैयार है। अवसर होगा – रामलला के नवनिर्मित मंदिर में ध्वजारोहण समारोह का, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के साथ ही उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ विशिष्ट अतिथियों में शामिल होंगे। दीपावली के बाद 23 से 25 नवंबर तक ध्वजारोहण अनुष्ठान चलेगा और अवधपुरी फिर जगमगा उठेगी।
दरअसल, राम जन्मभूमि पर विगत 4 वर्षों से जारी निर्माण कार्य अब अपने अंतिम चरण में है और ध्वजारोहण के साथ ही इस महाअनुष्ठान पर विराम लग जाएगा। छोटे-मोटे कार्य बीच-बीच में अवश्य होते रहेंगे। ट्रस्ट इस ऐतिहासिक क्षण को उत्सव के रूप में मनाने की तैयारी कर रहा है। ध्वजारोहण की प्रक्रिया को लेकर राम मंदिर ट्रस्ट ने मंदिर के शिखर पर ट्रायल भी कर दिया है। इसके तहत मुख्य मंदिर के साथ ही परिसर में बने सभी पूरक मंदिरों में सनातन धर्म की पताका स्थापित की जाएगी। ध्वज मात्र हवा में फहराता कपड़ा नहीं है बल्कि देवत्व, विजय, भक्ति और पवित्र स्थान का प्रतीक होगा।
मंदिर निर्माण समिति के चेयरमैन नृपेंद्र मिश्र और राम जन्म भूमि ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय की देखरेख में ध्वज का डिजाइन तैयार हो रहा है। शास्त्रों के विधान के अनुरूप मंदिरों के ध्वज का आकार व रंग तय होता है। विद्वानों का मत है कि मंदिर में प्रतिष्ठित देवी-देवताओं के शिखर पर अलग-अलग रंग के ध्वज फहराया जाना तय है।