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मंदिरों के लिए चुनौती बनी सुरक्षा

देश में धार्मिक पर्यटन बढ़ने के साथ ही धार्मिक स्थानों की सुरक्षा एक बड़ी चुनौती बनकर उभर रही है। अक्सर भीड़ के दबाव के बीच एक-एक श्रद्धालु और उसके सामान की जांच-पड़ताल करना टेढ़ी खीर हो गया है। हालांकि ऐसे सभी प्रसिद्ध तीर्थ स्थानों की समितियां या ट्रस्ट स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर बेहतर व्यवस्था बनाने में लगे हैं लेकिन कई ऐसी घटनाएं हाल ही में हुई हैं जो चिंता का विषय बनीं।

 

उदाहरण के लिए ताजा मामला काशी विश्वनाथ मंदिर में श्रद्धालु के भेष में एक ऐसे व्यक्ति का पकड़ा जाना है जो चश्मे में फिट स्पाई (खुफिया) कैमरे से मंदिर परिसर के भीतर की तस्वीरें कैद कर रहा था। तेलंगाना के हैदराबाद का रहने वाला ये व्यक्ति सॉफ्टवेयर इंजीनियर है और विदेश में नौकरी करता है। वह अपने परिवार के साथ मंदिर आया था कि अचानक गर्भगृह में तस्वीरें उतारते वक्त सुरक्षाकर्मियों की उस पर नजर पड़ी। वह चश्मे में लगे डिवाइस से अपने परिजनों की फोटो उतार रहा था। उसकी गतिविधियां संदिग्ध लगीं लेकिन पूछताछ और जांच-पड़ताल में संतुष्ठ होने के बाद चेतावनी देकर उसे छोड़ दिया गया।

 

ऐसी घटनाएं बताती हैं कि धार्मिक स्थलों पर सुरक्षा की चुनौतियां किस कदर बढ़ गई हैं। यह कार्य कोई जानबूझकर अथवा किसी गलत मकसद से भी कर सकता था। हाल ही में इसी तरह की घटना पुरी के जगन्नाथ मंदिर में भी सामने आई थी। आरोपी ने गर्भगृह की तस्वीरें अपने सोशल मींडिया हैंडल पर शेयर कर दी थीं। साल की शुरुआत में अयोध्या के राम मंदिर में भी एक शख्स चश्मे से लगे कैमरे से तस्वीरें उतारता पाया गया था। उज्जैन के महाकाल मंदिर में तो कई बार बिना अनुमति के लोग गर्भगृह में घुसते पाये गए हैं।

 

वैष्णों देवी, तिरुपति वेंकटेश्वर मंदिर, काशी विश्वनाथ मंदिर, पुरी जगन्नाथ मंदिर, राम मंदिर, सोमनाथ मंदिर , वैद्यनाथ धाम, दक्षिणेश्वर काली मंदिर, खाटू श्याम मंदिर, कामाख्या देवी, विंध्याचल धाम जैसे मंदिरों में साल भर भक्तों का भारी जमावड़ा लगा रहता है और विशेष अवसरों अर्थात महाशिवरात्रि, नवरात्र और सावन के दौरान  भीड़ और भी ज़्यादा हो जाती है।