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एकादश्यां तु यो भक्ता: कुर्वन्ति नियत: शुचि:।
ते यांति परमं स्थानं विष्णो: परमपूजितम्।।
(भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन से कहा था कि जो भक्त एकादशी का व्रत पूरी श्रद्धा और नियम से करता है, वह भगवान विष्णु के परम धाम को प्राप्त करता है।)
हिंदू पंचांग में एकादशी तिथि का विशेष महत्व माना गया है। हर माह में दो एकादशी आती हैं । एक शुक्ल पक्ष में और दूसरी कृष्ण पक्ष में। पौष माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को सफला एकादशी कहा जाता है। इस वर्ष सफला एकादशी का व्रत 15 दिसंबर 2025 को रखा जाएगा और व्रत का पारण 16 दिसंबर की सुबह किया जाएगा। ‘सफला’ शब्द का अर्थ होता है फलदायी या सफलता देने वाली। इस व्रत को करने से व्यक्ति के असफल कार्य सफल होते हैं और उसे अपने पापों से मुक्ति मिलती है।

