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रुद्राक्ष : कैसे हुई उत्पत्ति, क्या कहती है कथा

देवों के देव महादेव और रुद्राक्ष का संबंध अत्यंत गहरा और पवित्र माना जाता है। महादेव को अक्सर रुद्राक्ष की माला धारण किए हुए दिखाया जाता है। यह केवल एक बीज या माला नहीं, बल्कि इसे महादेव से जुड़ा एक पवित्र प्रतीक माना जाता है। साधु-संतों से लेकर भक्तों तक, रुद्राक्ष को श्रद्धा और विश्वास के साथ धारण किया जाता है। माना जाता है कि रुद्राक्ष नकारात्मक ऊर्जा को दूर कर मन, शरीर और आत्मा को शांति प्रदान करता है।

 

रुद्राक्ष शब्द का अर्थ और महत्व

रुद्राक्ष दो शब्दों से मिलकर बना है। ‘रुद्र’ का अर्थ महादेव और ‘अक्ष’ का अर्थ नेत्र होता है। मान्यता है कि महादेव के नेत्रों से जहां-जहां आंसू गिरे, वहां-वहां रुद्राक्ष के वृक्ष उग आए। इस कारण रुद्राक्ष को अत्यंत पवित्र और पूजनीय माना गया है। क्यों गिरे आंसू, आइये जानते हैं ।

 

रुद्राक्ष की कथा

जब महादेव की पत्नी देवी सती ने यज्ञ कुंड में अपने प्राण त्याग दिए, तब महादेव को गहरा दु:ख हुआ। वे देवी सती के शव को कंधे पर उठाकर तांडव करने लगे, जिससे पूरे ब्रह्मांड में विनाश होने लगा। महादेव को रोकने के लिए भगवान विष्णु ने अपने सुदर्शन चक्र से देवी सती के शरीर के कई टुकड़े कर दिए जो धरती के अलग-अलग स्थानों पर गिरे। अंत में महादेव के शरीर पर केवल देवी सती की भस्म रह गई। उसे देखकर महादेव की आंखों से आंसू बह निकले। कहा जाता है कि जहां-जहां उनके आंसू गिरे वहां-वहां रुद्राक्ष के वृक्ष निकल आये।

 

रुद्राक्ष के प्रकार और उनके महत्व 

सतयुग में भगवान शिव के आंसुओं से रुद्राक्ष की उत्पत्ति मानी जाती है। लोकमान्यता के अनुसार, महादेव की दाहिनी आंख से 12 प्रकार के रुद्राक्ष, बाईं आंख से 16 प्रकार और उनके अग्नि नेत्र से 10 प्रकार के रुद्राक्ष उत्पन्न हुए। इसी कारण रुद्राक्ष को अत्यंत पवित्र और दिव्य माना जाता है।

 

रुद्राक्ष अलग-अलग आकार, आकृति और रंगों में पाए जाते हैं। सामान्य रूप से रुद्राक्ष 1 मुखी से लेकर 21 मुखी तक होते हैं। इनमें 14 मुखी से 21 मुखी रुद्राक्ष बहुत दुर्लभ माने जाते हैं, वहीं 1 मुखी से 4 मुखी रुद्राक्ष भी आसानी से नहीं मिलते। ऐसे हर रुद्राक्ष का अपना अलग महत्व और विशेष गुण होता है।

 

1 मुखी रुद्राक्ष को सबसे शक्तिशाली माना जाता है। यह सौभाग्य, सफलता और समृद्धि लाने वाला होता है।

2 मुखी रुद्राक्ष मन में शांति, आपसी सद्भाव और संतुलन बनाए रखने में सहायक माना जाता है।

3 मुखी रुद्राक्ष ज्ञान, बुद्धि और आध्यात्मिक विकास को बढ़ाता है।

4 मुखी रुद्राक्ष स्वास्थ्य, धन और समृद्धि से जुड़ा माना जाता है।

5 मुखी रुद्राक्ष शक्ति, आत्मबल और साहस प्रदान करने वाला होता है।

6 मुखी रुद्राक्ष प्रेम, करुणा और समझ को बढ़ाने में सहायक माना जाता है।

7 मुखी रुद्राक्ष - भाग्य, सफलता और जीवन में सामंजस्य लाने वाला माना जाता है।

8 मुखी रुद्राक्ष - समृद्धि, प्रचुरता और कार्यों में सफलता देता है।

9 मुखी रुद्राक्ष आध्यात्मिक उन्नति, ज्ञानोदय और दिव्य कृपा से जुड़ा माना जाता है।

10 मुखी रुद्राक्ष सौभाग्य, सुरक्षा और ईश्वर के आशीर्वाद का प्रतीक माना जाता है।

11 मुखी रुद्राक्ष ज्ञान, बुद्धि और समझ को बढ़ाने वाला होता है।

12 मुखी रुद्राक्ष जीवन में शांति, संतुलन और सद्भाव लाता है।

13 मुखी रुद्राक्ष साहस, शक्ति और आत्मविश्वास प्रदान करता है।

14 मुखी रुद्राक्ष सौभाग्य, सफलता और समृद्धि से जुड़ा माना जाता है।

15 मुखी रुद्राक्ष स्वास्थ्य, धन और प्रचुरता देने वाला माना जाता है।

16 मुखी रुद्राक्ष प्रेम, करुणा और आपसी समझ को बढ़ाता है।

17 मुखी रुद्राक्ष भाग्य, सफलता और सुख-शांति प्रदान करता है।

18 मुखी रुद्राक्ष आध्यात्मिक विकास, ज्ञान और दिव्य कृपा का प्रतीक माना जाता है।

19 मुखी रुद्राक्ष समृद्धि, वैभव और सफलता लाने वाला माना जाता है।

20 मुखी रुद्राक्ष सौभाग्य, सुरक्षा और सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करता है।

 

गणेश रुद्राक्ष : इसे धारण करने से जीवन में आने वाली बाधाओं और समस्याओं का समाधान मिलता है जिससे मानसिक शांति होती है।

 

गौरी शंकर रुद्राक्ष : रिश्तों में प्रेम, सामंजस्य और खुशहाली लाता है, खासकर दांपत्य जीवन को मधुर बनाता है।

 

रुद्राक्ष आस्था, विश्वास और आध्यात्मिक शक्ति का प्रतीक है। यह न केवल महादेव से जुड़ाव का माध्यम है, बल्कि जीवन में संतुलन, शांति और सकारात्मकता लाने वाला भी माना जाता है। श्रद्धा और विश्वास के साथ धारण किया गया रुद्राक्ष मनुष्य को मानसिक शांति, आत्मबल और आध्यात्मिक उन्नति की ओर ले जाता है।

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रुद्राक्ष : कैसे हुई उत्पत्ति, क्या कहती है कथा

देवों के देव महादेव और रुद्राक्ष का संबंध अत्यंत गहरा और पवित्र माना जाता है। महादेव को अक्सर रुद्राक्ष की माला धारण किए हुए दिखाया जाता है। यह केवल एक बीज या माला नहीं, बल्कि इसे महादेव से जुड़ा एक पवित्र प्रतीक माना जाता है। साधु-संतों से लेकर भक्तों तक, रुद्राक्ष को श्रद्धा और विश्वास के साथ धारण किया जाता है। माना जाता है कि रुद्राक्ष नकारात्मक ऊर्जा को दूर कर मन, शरीर और आत्मा को शांति प्रदान करता है।

 

रुद्राक्ष शब्द का अर्थ और महत्व

रुद्राक्ष दो शब्दों से मिलकर बना है। ‘रुद्र’ का अर्थ महादेव और ‘अक्ष’ का अर्थ नेत्र होता है। मान्यता है कि महादेव के नेत्रों से जहां-जहां आंसू गिरे, वहां-वहां रुद्राक्ष के वृक्ष उग आए। इस कारण रुद्राक्ष को अत्यंत पवित्र और पूजनीय माना गया है। क्यों गिरे आंसू, आइये जानते हैं ।

 

रुद्राक्ष की कथा

जब महादेव की पत्नी देवी सती ने यज्ञ कुंड में अपने प्राण त्याग दिए, तब महादेव को गहरा दु:ख हुआ। वे देवी सती के शव को कंधे पर उठाकर तांडव करने लगे, जिससे पूरे ब्रह्मांड में विनाश होने लगा। महादेव को रोकने के लिए भगवान विष्णु ने अपने सुदर्शन चक्र से देवी सती के शरीर के कई टुकड़े कर दिए जो धरती के अलग-अलग स्थानों पर गिरे। अंत में महादेव के शरीर पर केवल देवी सती की भस्म रह गई। उसे देखकर महादेव की आंखों से आंसू बह निकले। कहा जाता है कि जहां-जहां उनके आंसू गिरे वहां-वहां रुद्राक्ष के वृक्ष निकल आये।

 

रुद्राक्ष के प्रकार और उनके महत्व 

सतयुग में भगवान शिव के आंसुओं से रुद्राक्ष की उत्पत्ति मानी जाती है। लोकमान्यता के अनुसार, महादेव की दाहिनी आंख से 12 प्रकार के रुद्राक्ष, बाईं आंख से 16 प्रकार और उनके अग्नि नेत्र से 10 प्रकार के रुद्राक्ष उत्पन्न हुए। इसी कारण रुद्राक्ष को अत्यंत पवित्र और दिव्य माना जाता है।

 

रुद्राक्ष अलग-अलग आकार, आकृति और रंगों में पाए जाते हैं। सामान्य रूप से रुद्राक्ष 1 मुखी से लेकर 21 मुखी तक होते हैं। इनमें 14 मुखी से 21 मुखी रुद्राक्ष बहुत दुर्लभ माने जाते हैं, वहीं 1 मुखी से 4 मुखी रुद्राक्ष भी आसानी से नहीं मिलते। ऐसे हर रुद्राक्ष का अपना अलग महत्व और विशेष गुण होता है।

 

1 मुखी रुद्राक्ष को सबसे शक्तिशाली माना जाता है। यह सौभाग्य, सफलता और समृद्धि लाने वाला होता है।

2 मुखी रुद्राक्ष मन में शांति, आपसी सद्भाव और संतुलन बनाए रखने में सहायक माना जाता है।

3 मुखी रुद्राक्ष ज्ञान, बुद्धि और आध्यात्मिक विकास को बढ़ाता है।

4 मुखी रुद्राक्ष स्वास्थ्य, धन और समृद्धि से जुड़ा माना जाता है।

5 मुखी रुद्राक्ष शक्ति, आत्मबल और साहस प्रदान करने वाला होता है।

6 मुखी रुद्राक्ष प्रेम, करुणा और समझ को बढ़ाने में सहायक माना जाता है।

7 मुखी रुद्राक्ष - भाग्य, सफलता और जीवन में सामंजस्य लाने वाला माना जाता है।

8 मुखी रुद्राक्ष - समृद्धि, प्रचुरता और कार्यों में सफलता देता है।

9 मुखी रुद्राक्ष आध्यात्मिक उन्नति, ज्ञानोदय और दिव्य कृपा से जुड़ा माना जाता है।

10 मुखी रुद्राक्ष सौभाग्य, सुरक्षा और ईश्वर के आशीर्वाद का प्रतीक माना जाता है।

11 मुखी रुद्राक्ष ज्ञान, बुद्धि और समझ को बढ़ाने वाला होता है।

12 मुखी रुद्राक्ष जीवन में शांति, संतुलन और सद्भाव लाता है।

13 मुखी रुद्राक्ष साहस, शक्ति और आत्मविश्वास प्रदान करता है।

14 मुखी रुद्राक्ष सौभाग्य, सफलता और समृद्धि से जुड़ा माना जाता है।

15 मुखी रुद्राक्ष स्वास्थ्य, धन और प्रचुरता देने वाला माना जाता है।

16 मुखी रुद्राक्ष प्रेम, करुणा और आपसी समझ को बढ़ाता है।

17 मुखी रुद्राक्ष भाग्य, सफलता और सुख-शांति प्रदान करता है।

18 मुखी रुद्राक्ष आध्यात्मिक विकास, ज्ञान और दिव्य कृपा का प्रतीक माना जाता है।

19 मुखी रुद्राक्ष समृद्धि, वैभव और सफलता लाने वाला माना जाता है।

20 मुखी रुद्राक्ष सौभाग्य, सुरक्षा और सकारात्मक ऊर्जा प्रदान करता है।

 

गणेश रुद्राक्ष : इसे धारण करने से जीवन में आने वाली बाधाओं और समस्याओं का समाधान मिलता है जिससे मानसिक शांति होती है।

 

गौरी शंकर रुद्राक्ष : रिश्तों में प्रेम, सामंजस्य और खुशहाली लाता है, खासकर दांपत्य जीवन को मधुर बनाता है।

 

रुद्राक्ष आस्था, विश्वास और आध्यात्मिक शक्ति का प्रतीक है। यह न केवल महादेव से जुड़ाव का माध्यम है, बल्कि जीवन में संतुलन, शांति और सकारात्मकता लाने वाला भी माना जाता है। श्रद्धा और विश्वास के साथ धारण किया गया रुद्राक्ष मनुष्य को मानसिक शांति, आत्मबल और आध्यात्मिक उन्नति की ओर ले जाता है।