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ब्रज सहित उत्तर भारत के हर मंदिर, मठ और देवालय में भगवान श्रीकृष्ण की जन्माष्टमी 11 व 12 अगस्त को मनाई जा रही है, लेकिन वृंदावन के रंगजी मंदिर में एक महीने बाद 11 सितंबर को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का उत्सव मनाया जाएगा। कहते है कि दक्षिण भारतीय मंदिरों में तिथि और नक्षत्र दोनों एकसाथ हों तभी पर्व-उत्सव मनाए जाते हैं, लेकिन उत्तर भारत में तिथि के अनुसार उत्सव मनाए जाते हैं। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की अष्टमी तिथि और रोहिणी नक्षत्र 11 सितंबर को पड़ रहे हैं। इसलिए यहां श्रीकृष्ण जन्माष्टमी भी 11 सितंबर को मनाई जाएगी।
मंदिर में पूजा पद्धति पूरी तरह दक्षिण भारतीय पंचांग पर आधारित है। ऐसा संयोग हमेशा नहीं आता। लेकिन तीन या चार साल बाद ऐसा संयोग आता है कि उत्तर भारत और दक्षिण भारत में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का एक महीने का अंतर रहता है।