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ऐसी मान्यता है कि कोई भी शुभ कार्य भद्रा में नहीं करना चाहिए क्योंकि भद्रा में किया गया कोई भी शुभ कार्य सफल या फलदाई नहीं होता है। इसीलिए कोई भी शुभ कार्य करने से पहले भद्रा पर विचार जरूर किया जाता है। भद्रा को विष्टि नाम से भी जाना जाता है।
कौन है भद्रा? धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक भद्रा को सूर्य देवता की पुत्री कहा जाता है। साथ में भद्रा, न्याय के देवता भगवान शनि की बहन हैं। भद्रा को 12 और नामों से भी जाना जाता है। जैसे- धन्या, दधिमुखी, भद्रा, महामारी, खरानना, कालरात्रि, महारुद्रा, विष्टि, कुलपुत्रिका, भैरवी महाकाली और असुरक्षयकरी। ऐसा भी कहा जाता है कि रोज सुबह जो भी इन 12 नामों का स्मरण करता है उसे किसी भी तरह का अपमान और हानि का भय नहीं रहता है।