गजलक्ष्मी व्रत 10 सितंबर को पड़ रहा है। श्राद्ध पक्ष में पड़ने वाले इस व्रत का धार्मिक रूप से बड़ा महत्व माना जाता है। हिन्दू पंचांग के अनुसार यह व्रत हर साल आश्विन माह में कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि के दिन रखा जाता है। मान्यता है कि गज लक्ष्मी के दिन सोना खरीदना शुभ होता है। इस दिन विधि पूर्वक व्रत रखने से लक्ष्मी जी प्रसन्न होती है और धन संपदा में वृद्धि करती हैं।
पूजा शुभ मुहूर्त: प्रातः 11:54 बजे से दोपहर 12:43 बजे तक (10 सितंबर 2020)
कौन हैं मां गज लक्ष्मी
गजलक्ष्मी यह लक्ष्मी का चार भुजाधारी स्वरूप है। नाम के मुताबिक ही यह गज यानी हाथी पर आठ कमल की पत्तियों के समान आकार वाले सिंहासन विराजित होती है। इनके दोनों ओर भी हाथी खड़े होते हैं। चार हाथों में कमल का फूल, अमृत कलश, बेल और शंख होता हैं। इनकी उपासना संपत्ति और संतान देने वाली मानी गई है।
गज को वर्षा करने वाले मेघों तथा उर्वरता का भी प्रतीक माना जाता है। गज की सवारी करने के कारण यह उर्वरता तथा समृद्धि की देवी भी हैं। गज लक्ष्मी देवी को राजलक्ष्मी के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि इन्हीं की कृपा से राजाओं को धन वैभव और समृद्घि का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
गज लक्ष्मी व्रत पूजन विधि
इस दिन पूजा स्थल पर हल्दी से कमल बनाकर उस पर माता लक्ष्मी की मूर्ति स्थापित करें और मूर्ति के सामने श्रीयंत्र, सोने-चांदी के सिक्के और फल फूल रखें। इसके बाद माता लक्ष्मी के आठ रूपों की मंत्रों के साथ कुंकुम, चावल और फूल चढ़ाते हुए पूजा करें। महालक्ष्मी व्रत में मां लक्ष्मी के हाथी पर बैठी हुई मूर्ति को लाल कपड़ा के साथ विधि-विधान के साथ इनकी स्थापना करें और पूजा कर ध्यान लगाएं।