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भगवान विष्णु के पैरों के निशान पर बना मंदिर

बिहार के गया में भगवान विष्णु के पैरों के निशान पर मंदिर बना है। जिसे विष्णुपद मंदिर कहा जाता है। इसे धर्म शिला के नाम से भी जाना जाता है। माना जाता है कि पितरों के तर्पण के बाद भगवान विष्णु के पैरों के निशान के दर्शन करने से दुख खत्म होते हैं और पितर संतुष्ट होते हैं। इन पदचिह्नों का श्रृंगार लाल चंदन से किया जाता है। इस पर गदा, चक्र, शंख बनाए जाते हैं। यह परंपरा मंदिर में कई सालों से चली आ रही है। ये मंदिर फल्गु नदी के पश्चिमी किनारे पर है। कुछ ग्रंथों के मुताबिक राक्षस गयासुर को धरती पर स्थिर करने के लिए धर्मपुरी से धर्मवत्ता शिला लाई गई थी। जिसे गयासुर पर रखकर भगवान विष्णु ने अपने पैरों से दबाया। इसके बाद इस चट्टान पर भगवान के पैरों के निशान है। माना जाता है कि दुनिया में विष्णुपद ही ऐसी जगह स्थान है, जहां भगवान विष्णु के पैरों के दर्शन कर सकते हैं।

कसौटी पत्थर से बना मंदिर
विष्णुपद मंदिर सोने को कसने वाला पत्थर कसौटी से बना है, जिसे जिले के उत्तरी हिस्से के पत्थरकट्‌टी से लाया गया था। इस मंदिर की ऊंचाई करीब सौ फीट है। सभा मंडप में 44 पिलर हैं। 54 वेदियों में से 19 वेदी विष्णुपद में ही हैं, जहां पर पितरों के मुक्ति के लिए पिंडदान होता है। यहां सालों भर पिंडदान होता है। यहां भगवान विष्णु के चरण चिन्ह के स्पर्श से ही मनुष्य समस्त पापों से मुक्त हो जाते हैं।