कोरोना वायरस महामारी ने इंसान की जीवन शैली को बदलकर रख दिया है। इसका असर पुरानी परंपराओं पर भी पड़ा है। तीर्थनगरी वृंदावन में श्राद्ध पक्ष में इसकी बानगी देखने को मिल रही है। श्राद्ध पक्ष में पितरों को संतुष्ट करने के लिए ब्राह्मणों को भोजन कराकर दान-दक्षिणा देना प्राचीन परंपरा है, लेकिन कोरोना काल में इस परंपरा ने नया रूप ले लिया है।
इस बार श्राद्ध पक्ष में पितरों को संतुष्ट करने के लिए ब्रह्मभोज के बाद दक्षिणा में वस्त्र-अनाज के साथ-साथ सैनिटाइजर और मास्क दिए जा रहे हैं। इसका उद्देश्य कोरोना काल में जन जागरुकता फैलाना है।
ब्राह्मण महासभा संस्थापक सुरेश चंद्र ने कहा कि समय के साथ समाज में परिवर्तन प्रकृति का मूल स्वभाव है। मनुष्य भी इसी समाज का एक हिस्सा है। कभी-कभी भीषण आपदा अथवा अन्य कारणों से प्राचीन परंपराओं में परिवर्तन देखने को मिलता है।