पंचांग के अनुसार इस समय आश्विन मास चल रहा है। आश्विन मास में पूजा पाठ का विशेष महत्व बताया गया है। मान्यता है कि इस मास में पूजा करने से विशेष फल प्राप्त होते हैं और जीवन में आने वाली बाधाओं को दूर करने में मदद मिलती है। आश्विन मास में गणेश जी की पूजा विशेष फलदायी मानी गई है।
जॉब और व्यापार में जिन लोगों को परेशानी आ रही है या फिर जीवन में धन से संबंधित कोई परेशानी बनी हुई है, तो आश्विन मास में नित्य गणेश मंत्र का जाप कर इन सभी परेशानियों से मुक्ति पाई जा सकती है।
गणेश जी हैं विघ्नहर्ता
गणेश जी को विघ्नहर्ता भी कहा गया है। मान्यता है कि विधि पूर्वक और श्रद्धा भाव से भगवान गणेश जी की पूजा करने से सभी प्रकार के विघ्न मिट जाते हैं। गणेश जी बहुत जल्द प्रसन्न होने वाले देवता भी हैं। गणेश जी की पूजा करने के लिए बहुत विशेष नियमों का पालन नहीं किया जाता है। गणेश जी अपने भक्तों के भक्तिभाव को अधिक वरियता प्रदान करते हैं इसलिए ये अपने भक्तों को बहुत जल्द फल प्रदान करते हैं।
गणेश पूजा की विधि
गणेश पूजा को बहुत ही ध्यान से करना चाहिए। गणेश पूजा के दौरान दूर्वा घास का प्रयोग जरुर करें। भगवान गणेश जी को दूर्वा घास बहुत प्रिय है। प्रतिदिन यदि संभव न हो तो बुधवार को गणेश जी पर दूर्वा घास जरुर चढ़ाएं। इसके अतिरिक्त गणेश जी को मिष्ठान बहुत प्रिय है। इसका पूजा के दौरान भोग लगाएं। मिष्ठान का भोग लगाने के बाद जल अर्पित करें। गणेश जी माता पिता की सेवा करने से भी बहुत प्रसन्न होते हैं इसलिए माता पिता का आर्शीवाद भी अवश्य लें। पूजा समाप्त होने पर गणेश आरती का पाठ करें।
गणेश जी को इन मंत्रों से करें प्रसन्न
1- ॐ गं गणपतये नमः
2- वक्रतुण्ड महाकाय कोटिसूर्य समप्रभ। निर्विघ्नं कुरू मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा।।
3- ॐ श्रीं गं सौभाग्य गणपतये,वर्वर्द सर्वजन्म में वषमान्य नमः॥
4-ॐ एकदन्ताय विद्धमहे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दन्ति प्रचोदयात्॥