पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि इस साल राज्य में दुर्गा पूजा उत्सव आयोजित नहीं होगा। बनर्जी ने गुरुवार को इसे लेकर दिशा-निर्देश जारी किए। उन्होंने कहा कि दुर्गा पूजा के दौरान पंडाल चारों ओर खुले होने चाहिए। पंडालों में प्रवेश द्वार पर सैनिटाइजर होना चाहिए और मास्क पहनना अनिवार्य रहेगा।
ममता बनर्जी ने कहा कि हर दुर्गा पूजा समिति को राज्य सरकार की ओर से 50 हजार रुपये का अनुदान दिया जाएगा। दुर्गा पूजा को देखते हुए 80 हजार हॉकरों को एक बार मिलने वाला दो हजार रुपये का अनुदान दिया जाएगा। मुख्यमंत्री बनर्जी ने बताया कि पश्चिम बंगाल में कोरोना वायरस से ठीक होने की दर (रिकवरी रेट) 87 फीसदी है।
इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना जरूरी होगा। पंडालों में सांस्कृतिक कार्यक्रमों के आयोजन की अनुमति नहीं होगी। बता दें कि राज्य में अभी तक कोरोना संक्रमण के दो लाख 34 हजार से भी ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं। वहीं, वायरस की चपेट में आकर अब तक चार हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।
पश्चिम बंगाल के सबसे बड़े त्योहार दुर्गा पूजा में अब करीब एक महीने का समय बचा है। ऐसे में कोविड-19 महमारी के मद्देनजर सादगी से उत्सव मनाने की तैयारियां पूरे शहर में शुरू हो गई हैं और आयोजक संक्रमण को फैलने से रोकने के उपायों पर काम कर रहे हैं।
ज्वलंत विषयों की थीम पर पूजा पंडाल बनाने के लिए ख्याति प्राप्त दक्षिण कोलकाता के आयोजक समाजसेवी संघ ने इस बार अपने खुले पंडाल की दिशा बदलकर दक्षिणी एवेन्यू की ओर करने का फैसला किया है। ताकि, श्रद्धालु अपने वाहन में बैठक कर दूर से ही देवी दुर्गा की प्रतिमा का दर्शन कर सकें।