इस बार कुल्लू दशहरा उत्सव में जिले भर के हजारों श्रद्धालू भगवान रघुनाथ के रथ को नहीं खींच पाएंगे। लेकिन पूरे सात दिनों तक भगवान रघुनाथ जी की परंपरा का निर्वाह होगा।
आज सोमवार को दशहरा पर्व की पहली बैठक का आयोजन हुआ और इस बैठक में यह निर्णय लिया गया कि कोरोना के नियमों का पालन करते हुए दशहरा पर्व मनाया जाएगा। इस बैठक में यह निर्णय लिया गया कि ढालपुर मैदान में किसी भी तरह का व्यापार नहीं होगा और न ही कोई दुकानें लग पाएगी।
दशहरा पर्व में आने बाले लोग कुल्लू शहर की स्थायी दुकानों में ही खरीददारी कर सकते हैं। यही नहीं लाल चंद प्रार्थी कलाकेंद्र में भी किसी तरह का लोकनृत्य व अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रम भी नहीं होंगे।केवल दशहरा पर्व की परंपरा का निर्वाह किया जाएगा। लिहाजा इस बार कोरोना के कारण देव महाकुंभ अंतरराष्ट्रीय दशहरा पर्व का स्वरूप बिल्कुल अलग हो गया है।