राममंदिर निर्माण के लिए नींव खोदाई से पूर्व 12 टेस्ट पिलर की क्षमता मापने का काम शुरू हो चुका है। इसके लिए आईआईटी चेन्नई से इंजीनियरों की तीन सदस्यीय टीम अयोध्या पहुंची। विशेषज्ञों की यह टीम पिलर की भार क्षमता मापने में जुटी है। विशेषज्ञ अपनी रिपोर्ट एलएंडटी के इंजीनियरों को सौंपेंगे। उसके बाद कार्यदायी संस्था एलएंडटी नींव खुदाई शुरू करेगी। बताया जा रहा है कि नवंबर के पहले सप्ताह से नींव खुदाई का काम शुरू हो सकता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से मंदिर की आधारशिला रखने के साथ ही मंदिर निर्माण का शंखनाद हो गया था। इसी क्रम में 12 टेस्टिंग पिलर ढाले गए थे और अब उनका स्थलीय परीक्षण शुरू हुआ है। राम मंदिर निर्माण के लिए टेस्टिंग के तौर पर 100 फीट गहराई से 12 पिलर बनाए गए हैं, जिसकी गुणवत्ता और भार क्षमता को नापा जा रहा है।
अब पूरे 1200 पिलरों की पाइलिंग का कार्य किया जाना है लेकिन विशेषज्ञों की जांच रिपोर्ट न मिलने के कारण ये काम अभी रुका हुआ है। मंदिर की नींव की मजबूती पर पूरा फोकस किया जा रहा है। मंगलवार को पिलर के ऊपर व साइड से वजन डालकर उसकी मजबूती व स्थिरता को जांचा जा रहा है। अभी पिलर पर 700 टन का वजन डाला जा रहा है।
राम मंदिर निर्माण के लिए परिसर स्थित जर्जर भवनों व मंदिरों को गिराने का काम चल रहा है। राम जन्मभूमि परिसर स्थित राम खजाना व मानस भवन को गिराए जाने की तैयारी है। पहले चरण में सीता रसोई और बहराइच मंदिर को गिरा दिया गया था, अब परिसर में मंदिर निर्माण के मुख्य द्वार के लिए राम खजाना को गिराए जाने के साथ मानस भवन को गिराने के लिए उसे खाली किया जा रहा है।