उत्तर प्रदेश में राम की नगरी अयोध्या में रामकथा की महत्ता को प्रचारित करने की मंशा से रामायण के रचयिता और विश्व के आदिकवि महर्षि वाल्मीकि की जयंती समारोह को पूरे भव्यता के साथ प्रदेश भर में मनाया जाएगा। 31अक्टूबर को इस पावन दिन पर राम की नगरी में भी भव्य समारोह होंगे। इसमें संस्कृति विभाग वाल्मीकि रामायण के मानवीय मूल्यों का व्यापक प्रचार-प्रसार करेगा।
अधिकारियों के मुताबिक, राम कथा को आमजन से जोड़ने के लिए महर्षि वाल्मीकि से जुड़े स्थलों और मंदिरों पर दीप प्रज्वलन और दीपदान के साथ लगातार 8, 12 या 24 घंटे का वाल्मीकि रामायण का पाठ किया जाएगा। यह जानकारी संस्कृति विभाग के संयुक्त निदेशक व अयोध्या शोध संस्थान के निदेशक डा योगेंद्र प्रताप सिंह ने दी है। उन्होंने बताया कि अयोध्या में भगवान श्रीराम, हनुमान जी और रामायण से जुड़े मंदिरों, स्थलों का चयन कर रामायण पाठ व भजन कार्यक्रम का आयोजन होगा।
रामायण मूल्यों का व्यापक प्रचार प्रसार करने की मंशा
डॉ. सिंह ने बताया कि महर्षि वाल्मीकि सामाजिक, मानव और राष्ट्र मूल्यों की स्थापना के आदर्श हैं। महर्षि वाल्मीकि के बताए स्थल जिन्हें राम-जानकी मार्ग, राम वन गमन मार्ग सहित अन्य के रुप में जाना जाता है। ऐसे संपूर्ण भारत में 280 स्थल के रुप में आज भी मौजूद हैं। वाल्मीकि उत्सव आयोजन के संबंध में देवरिया, जौनपुर, उन्नाव, कानपुर नगर, अमरोहा, फिरोजाबाद, बुलंदशहर को छोड़कर सभी जिलों के डीएम को को निर्देश दे दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि सभी कार्यक्रम कोविड गाइडलाइंस का कड़ाई से पालन करते हुए करवाए जाएंगे।